सीबीआइ में अभियोजन निदेशक का पद खाली, सरकार ने मांगे मंत्रालयों से सुझाव
सीबीआइ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सर्वोच्च जांच एजेंसी बिना पूर्णकालिक निदेशक और निदेशक (अभियोजन) के बगैर कार्य कर रही है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सीबीआइ में खाली पड़े निदेशक (अभियोजन) के पद को भरने के लिए केंद्र सरकार ने मंत्रालयों से व्यक्तियों का नाम सुझाने के लिए कहा है। देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी में आलोक वर्मा के प्रकरण के बाद अभी पूर्णकालिक निदेशक का पद भी रिक्त है। निदेशक (अभियोजन) के पद से ओपी वर्मा 23 दिसंबर को ही रिटायर हुए हैं। तभी से यह महत्वपूर्ण पद रिक्त है।
सीबीआइ में निदेशक (अभियोजन) वैसे तो निदेशक के अंतर्गत कार्य करता है, लेकिन सभी मामलों में उसकी कानूनी राय सर्वोपरि होती है। नियुक्ति मंत्रालय ने सभी सरकारी मंत्रालयों और विभागों को पत्र लिखकर योग्य और इच्छुक अधिकारियों के नाम मांगे हैं। योग्य लोगों के नाम 25 जनवरी तक भेजने को कहा गया है, जिससे कुछ हफ्तों में निदेशक (अभियोजन) के पद को भरा जा सके।
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की संस्तुति से यह पद भरा जाएगा। सीबीआइ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सर्वोच्च जांच एजेंसी बिना पूर्णकालिक निदेशक और निदेशक (अभियोजन) के बगैर कार्य कर रही है।
एक प्रमुख संसदीय समिति ने हाल ही में इस महत्वपूर्ण पद के खाली होने पर चिंता जताई थी और सरकार से कहा था कि वह इसे जल्द भरने के लिए कदम उठाए।
उल्लेखनीय है कि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के बाद के घटनाक्रम में आलोक वर्मा को सरकार ने छुट्टी पर भेजा था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद वर्मा वापस सीबीआइ में आए, लेकिन अगले ही दिन उनका तबादला महानिदेशक (अग्निशमन) के पद पर कर दिया गया। इससे असंतुष्ट आलोक वर्मा ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया।