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Saradha chit fund scam: राजीव कुमार के घर पहुंची CBI, अनुज शर्मा बने नए पुलिस कमिश्नर

पश्चिम बंगाल के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई ने राजीव को लुक आउट नोटिस जारी कर दिया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 01:42 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 10:35 PM (IST)
Saradha chit fund scam: राजीव कुमार के घर पहुंची CBI, अनुज शर्मा बने नए पुलिस कमिश्नर
Saradha chit fund scam: राजीव कुमार के घर पहुंची CBI, अनुज शर्मा बने नए पुलिस कमिश्नर

नई दिल्ली, एजेंसी।  पश्चिम बंगाल के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई ने राजीव को लुक आउट नोटिस जारी कर दिया है। ताजा जानकारी के अनुसार कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर सीबीआई की टीम पहुंच चुकी है। हाल ही में शारदा चिट फंड मामले में उनसे पूछताछ की गई थी। इसका मतलब यह है कि यदि राजीव कुमार देश से बाहर जाने की कोशिश करते है तो उन्हें एयरपोर्ट पर रोक दिया जाएगा साथ ही सीबीआई को सूचित कर दिया जाएगा। वर्तमान में एजीडी ऐंड आईजीपी ऑपरेशन के पद पर तैनात अनुज शर्मा को कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया गया है।

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मामले में जांच के लिए सीबीआइ के दफ्तर बुलाया गया है। राजीव कुमार सोमवार को सीबीआइ, कोलकाता के ऑफिस में उपस्‍थित होंगे। वहीं सीबीआइ टीम कोलकाता पुलिस डिप्‍टी कमिश्नर के पार्क स्ट्रीट स्थित ऑफिस पहुंची। इससे पहले टीम कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर भी पहुंची थी।

नोटिस के मुताबिक, राजीव अब एक साल तक देश से बाहर नहीं जा सकते है। ऐसा करने पर इमीग्रेशन अधिकारी उन्हें गिरफ्तार कर सीबीआई को सौंप देंगे। जानकारी के लिए बता दें कि इमीग्रेशन ब्यूरो गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। गौरतलब है कि सारदा चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तारी से राहत बढ़ाने की मांग करने वाली राजीव की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। राजीव ने इसके बाद बारासात की निचली अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। उसे भी खारिज कर दिया गया था। 

जानकारी के लिए बता दें कि कुमार ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं। उन्हें साल 2016 में सुरजीत कर पुरकायस्थ के जगह पर कोलकाता पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था, जिन्हें सीआईडी विभाग में प्रमोट किया गया था। कुमार इससे पहले कोलकाता पुलिस आयुक्त, बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं।

इससे पहले कुमार ने 2013 में सामने आए सारधा और रोज वैली घोटालों की जांच करने वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का नेतृत्व किया था। उन्हें और कुछ अन्य अधिकारियों को जांच में मदद करने के लिए कहा गया था जब कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हो गए थे।

क्या है राजीव कुमार पर आरोप
राजीव कुमार पर आरोप है कि बतौर एसआईटी में रहते हुए उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है। बताया जाता है कि एसआईटी के अध्यक्ष के तौर पर राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन और उनके सहयोगी देवयानी को गिरफ्तार किया था और उनके पास से मिली एक डायरी को गायब कर दिया था। इस डायरी में उन सभी नेताओं के नाम थे जिन्होंने चिटफंड कंपनी से रुपए लिए थे।

साल 2013 में सामने आया था शारदा चिट फंड मामला 
इस मामले में कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने राजीव कुमार को आरोपित किया था। साल 2013 में पश्चिम बंगाल का चर्चित चिटफंड घोटाला सामने आया था। कथित तौर पर तीन हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले का खुलासा अप्रैल 2013 में हुआ था। आरोप है कि सारधा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया। इसके बाद इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे। 

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