कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से रविवार को सीबीआइ कर सकती है पूछताछ!
सीबीआइ राजीव कुमार से उन पांच मोबाइल फोन और एक लैपटॉप के बारे में जानकारी लेना चाहती है, जो उन्होंने सारधा घोटाले के मुख्य आरोपी से जब्त किए थे।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। सारधा चिटफंड घोटाले में कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से आगामी रविवार को पूछताछ हो सकती है। इसके लिए शनिवार को ही सीबीआइ अधिकारियों के शिलांग कार्यालय में पहुंचने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार राजीव कुमार से पूछताछ करने को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए सीबीआइ के संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव और एसपी पार्थ मुखर्जी ने टीम में शामिल अन्य जांच अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ बैठक की। इसमें पुलिस आयुक्त के खिलाफ तथ्यों समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।
सूत्रों की मानें तो गुरुवार को एक बार फिर सीबीआइ अफसरों के बीच बैठक होगी। अभी तय किया गया है कि पूछताछ के लिए जांच अधिकारी शनिवार को ही शिलांग पहुंचे जाएंगे। हालांकि गुरुवार की बैठक के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। इसके बाद पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त को ईमेल के माध्यम से नोटिस भेजा जाएगा।
सीबीआइ को सारधा घोटाले में खास इलेक्ट्रॉनिक डाटा की तलाश
कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ को लेकर मोदी और ममता सरकार में पैदा हुए टकराव के बीच यह जानना जरूरी है कि आखिर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को किन अहम साक्ष्यों की तलाश है। सीबीआइ राजीव कुमार से उन पांच मोबाइल फोन और एक लैपटॉप के बारे में जानकारी लेना चाहती है, जो उन्होंने सारधा घोटाले के मुख्य आरोपी से जब्त किए थे।
राजीव कुमार उस एसआइटी टीम का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने सारधा घोटाले के मुख्य आरोपित को गिरफ्तार किया था। सीबीआइ के सूत्रों का दावा है कि एसआइटी ने मुख्य आरोपी से जो पांच मोबाइल फोन और एक लैपटॉप बरामद किया था, उसका संबंध सारधा घोटाले से था। इस घोटाले से पश्चिम बंगाल और दूसरे राज्यों के प्रभावशाली लोगों के जुड़ाव के बारे में इन इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स में अहम जानकारियां होने की आशंका है।
इस जांच से जुड़े सीबीआइ के एक अधिकारी ने बताया कि मोबाइल फोन और लैपटॉप से एसआइटी ने डाटा स्टोर कर लिया था। लेकिन सीबीआइ को नहीं सौंपा था। सीबीआइ की टीम उसी डाटा के बारे में राजीव कुमार से पूछताछ करने गई थी। मामले की जांच में पता चला था कि मोबाइल और लैपटॉप राजनीतिक रसूख वाले आरोपितों को वापस कर दिए गए थे।
सारधा घोटाला पहले 600 करोड़ रुपये का बताया गया था, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी यह रकम 3,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 9 मई, 2014 को सीबीआइ ने बंगाल पुलिस की एसआइटी से इस घोटाले की जांच अपने हाथ में ली थी। एक नीली डायरी की भी जांच एजेंसी को तलाश है, जिसे एसआइटी ने मामले की जांच के दौरान तैयार की थी।
इस घोटाले में आरोपित, पुलिस, नेताओं और नौकरशाहों के बीच मिलीभगत को उजागर करने की कोशिश में जुटी सीबीआइ को आरोपित की खास लोगों से बातचीत की काल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की भी तलाश है। राजीव कुमार ने एजेंसी को सीडीआर सौंपे थे, उसमें छेड़छाड़ की गई थी। कई अहम जानकारियों को मिटा दिया गया था। कोलकाता स्थिति सीबीआइ के संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने भी कहा कि जांच एजेंसी को अहम सुबूत नहीं सौंपे गए। इन सुबूतों को नष्ट कर दिया गया।