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बंगाल में बवाल: चिटफंड घोटाले पर सीबीआइ-पुलिस में टकराव, ममता धरने पर; जानिए- सब कुछ

चिटफंड घोटाले पर सीबीआइ-पुलिस में टकराव, ममता धरने पर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही सीबीआइ को काम से रोका। कोलकाता पुलिस आयुक्त से पूछताछ करने गई सीबीआइ टीम को हिरासत में लेकर तीन घंटे बाद छोड़ा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 09:30 AM (IST)
बंगाल में बवाल: चिटफंड घोटाले पर सीबीआइ-पुलिस में टकराव, ममता धरने पर; जानिए- सब कुछ
बंगाल में बवाल: चिटफंड घोटाले पर सीबीआइ-पुलिस में टकराव, ममता धरने पर; जानिए- सब कुछ

कोलकाता(ब्यूरो)। सोमवार शाम कोलकाता में अभूतपूर्व नजारा देखने का मिला। शारदा चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर शाम करीब 6.30 बजे सीबीआई की 40 सदस्यीय टीम अचानक कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर छापा मारने पहुंच गई, लेकिन वहां पहले से मौजूद राज्य पुलिस के अफसरों ने उन्हें रोक दिया। सीबीआइ अफसरों को कुमार के घर में नहीं घुसने दिया। यहीं दोनों एजेंसियों के अफसरों के बीच धक्का-मुक्की हुई। यहां तक सीबीआइ अफसरों को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया। करीब तीन घंटे बाद उन्हें छोड़ गया।

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तब तक दिल्ली से कोलकाता तक हड़कंप मच गया। इस बीच ममता बनर्जी कुमार के घर पहुंची और उन्होंने केंद्र पर तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कोलकाता के धरमतल्ला स्थित मेट्रो चैनल के बाहर धरना शुरू कर दिया।

नोटिस पर नहीं पहुंचे थे पुलिस आयुक्त

सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण हैं। नोटिस भेजने पर भी वह पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे।

राज्यपाल ने डीजीपी और मुख्य सचिव को तलब किया

ममता के मेट्रो चैनल पर धरने पर बैठने के बाद से ही तृणमूल समर्थक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे। इस बीच सीबीआइ ने भी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मिलने के लिए सोमवार को समय मांगा है। राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट केंद्र को भेजेंगे। दूसरी तरफ प्रदेश भाजपा भी हरकत में आ गई। भाजपा का प्रतिनिधिदल दिल्ली जाकर इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलेगा।

क्या है मामला

शारदा चिटफंड घोटाले पर राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया था। इसके प्रमुख राजीव कुमार थे। शारदा समूह के मुखिया सुदीप्त सेन और उनकी सहयोगी देवजानी मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआइ पूछताछ में देवजानी ने बताया था कि एसआईटी ने उनके पास से एक लाल डायरी, पेन ड्राइव समेत कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे। तब से ही सीबीआइ उक्त पेन ड्राइव और डायरी को तलाश कर रही है। इसी वजह से इस मामले में राजीव कुमार के बयान को अहम माना जा रहा है।

2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को सौंपी जांच

पश्चिम बंगाल से लेकर ओडिशा तक फैले शारदा चिटफंड घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में सीबीआइ को सौंपी थी। करीब 2500 करोड़ रुपये के इस घोटाले के आरोपितों के तृणमूल नेताओं से संबंध रहे हैं। इसके साथ ही रोज वैली घोटाले की जांच भी सीबीआइ कर रही है, जो 17000 करोड़ रुपये का है। गायब हैं घोटाले के दस्तावेज कुमार 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उन्होंने शारदा घोटाले की जांच करने वाले एसआईटी का नेतृत्व किया था। इस मामले से जुड़ी कुछ अहम फाइलें व दस्तावेज गायब हैं।

डोभाल के इशारे पर काम कर रही सीबीआई

ममता तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआइ पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि 19 जनवरी को कोलकाता में 20 विपक्षी दलों की रैली से घबराकर मोदी और अमित शाह बदले की राजनीति कर रहे हैं। देश में आपातकाल से भी बुरे हालात हैं।

समूचा विपक्ष ममता के साथ

कांग्रेस, सपा, राकांपा, राजद, द्रमुक समेत तमाम प्रमुख विपक्षी दलों ने केंद्र के खिलाफ ममता की जंग का समर्थन किया है। राहुल गांधी, एचडी देवेगौड़ा, चंद्रबाबू नायडू, एमके स्टालिन, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, तेजस्वी यादव आदि ने ममता के प्रति समर्थन जताया। केजरीवाल व तेजस्वी सोमवार को कोलकाता पहुंच रहे हैं। राहुल के समर्थन से लगता है कांग्रेस के भी कुछ वरिष्ठ नेता वहां पहुंचेंगे।

ममता ने बनाया संवैधानिक मूल्यों और लोकतंत्र का मजाक : भाजपा

भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहा राव ने कहा, 'कोलकाता का घटनाक्रम और सीबीआइ जांच का विरोध विचित्र, अभूतपूर्व और बनर्जी के तानाशाही रवैये को दर्शाता है।' भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सीबीआइ महत्वपूर्ण संगठन है और उसकी कार्रवाई को रोकना निंदनीय है।

सीबीआइ की कार्रवाई संघीय ढांचे पर हमला : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि कोलकाता में  सीबीआइ की कार्रवाई साफ तौर पर दुर्भावनापूर्ण और संघीय ढांचे पर हमला है। कई घोटालों के आरोपों में घिरी पार्टी ने कहा है कि सीबीआइ की यह कार्रवाई पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के जनता के समक्ष 48 घंटे पहले दी गई धमकी के बाद हुई है।

बंगाल कांग्रेस बोली ममता सरकार को बर्खास्त करो

राहुल गांधी समेत समूचे विपक्ष के नेता जहां ममता बनर्जी के साथ खड़े हैं, जबकि पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीरंजन चौधरी ने ममता सरकार के रवैए व सीबीआई पर कार्रवाई को संविधान के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को दखल देते हुए संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत ममता सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।

चारा घोटाले के वक्त भी ऐसी स्थिति बनी थी

सीबीआइ के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर एमएल शर्मा ने कहा कि सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच कर रही है। चारा घोटाले के वक्त लालू यादव की गिरफ्तारी के समय भी ऐसी ही स्थिति बनी थी।

यूं चला छिड़ा बंगाल में बवाल

शाम : 6.30 बजे : कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित सरकारी निवास पर पहुंची सीबीआइ टीम।

शाम 6.35 : वहां तैनात पुलिस ने उन्हें रोका और सर्च वारंट मांगा। सीबीआइ अफसरों से तकरार, धक्का-मुक्की। शाम : 6.45 : कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के निजाम पैलेस और सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआइ दफ्तरों को घेर लिया।

शाम : 7 बजे : आनन-फानन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस आयुक्त के आवास पर पहुंच गई। वरिष्ठ अफसरों संग बैठक के बाद केंद्र की मोदी सरकार पर भड़कीं।

रात 9 बजे : ममता बनर्जी ने केंद्र के खिलाफ धरना शुरू किया।

रात : 9.30 बजे : हिरासत में लिए गए पांच सीबीआई अफसरों को छोड़ा।

रात : 9.40 बजे सीबीआई दफ्तरों से पुलिस हटाई। कुछ देर बाद ही सीआरपीएफ के जवानों ने सीबीआई के दफ्तरों को अपनी सुरक्षा में ले लिया।

रात 11.30 बजे : राज्यपाल से मिले राज्य के मुख्य सचिव व डीजीपी

रात 12: 15 बजे : ममता ने सोमवार को धरना स्थल से ही विस में बजट पेश करने, कैबिनेट बैठक करने का एलान किया।

संवैधानिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सीबीआइ

-कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सारदा चिट फंड मामले में जांच में सहयोग करने का निर्देश देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइI

-ममता सरकार के रवैये के खिलाफ सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।

-चूंकि शीर्ष अदालत के आदेश पर ही सीबीआई जांच कर रही, इसलिए कोर्ट की अवमानना का भी मामला है।

-यह संवैधानिक संकट है। राज्य सरकारें यदि केंद्रीय एजेंसी के लोगों को हिरासत में लेना शुरू कर दें, तो भविष्य में किसी भी केस की जांच मुश्किल

-ऐसे में संघीय ढांचे के तहत जांच एजेंसी के अधिकारों को सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर सकता है। 

पुलिस आयुक्त के खिलाफ सीबीआई के पास पुख्ता प्रमाण हैं। उन्होंने शारदा से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों को नष्ट किया है। सुप्रीम कोर्ट जाने के साथ ही सीबीआई इस मामले में मुकदमा दर्ज कराएगी।

- एम नागेश्वर राव, अंतरिम निदेशक, सीबीआई

भाजपा ने संवैधानिक विद्रोह व राज्य सरकार के तख्तापलट की साजिश है। हम सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर 'भाजपा हटाओ संविधान बचाओ, देश बचाओ'' अभियान छोड़ेगे।

- डेरिक ओ ब्रायन, तृृणमूल के प्रवक्ता


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