CAA Protest : गोरखपुर में 27 पत्थरबाज गिरफ्तार, एक हजार उपद्रवियों पर मुकदमा
CAA Protest in Gorakhpur उपद्रव करने के आरोप में गोरखपुर में पुलिस ने 27 पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया है। वहीं 50 से अधिक संदेह के आधार पर हिरासत में है।
गोरखपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में उपद्रव करने के आरोप में पुलिस ने 27 पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया है। वहीं 50 से अधिक संदेह के आधार पर हिरासत में है। कोतवाली पुलिस ने दो 36 नामजद सहित एक हजार से अधिक पर दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं।
27 में तीन नामजद
गिरफ्तार 27 आरोपितों में तीन नामजद भी शामिल हैं। उनकी पहचान कोतवाली क्षेत्र के शाहमारूफ रोड निवासी मोहम्मद शादाब, रुद्रपुर मोहल्ला निवासी हमजा और दिलेजाकपुर निवासी अयूब खान के रूप में हुई है। कोतवाली इंस्पेक्टर जयदीप वर्मा की तहरीर पर 36 नामजद सहित आठ सौ से अधिक अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में बलवा, हत्या के प्रयास, लोक सेवक के काम में बाधा डालने, लोक सेवक को क्षति पहुंचाने, उपद्रव करने, धर्म व भाषा का भय दिखाकर नफरत फैलाने, दूसरे के जीवन को खतरे में डालने और तोडफ़ोड़ करने की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं नखास चौकी इंचार्ज अवधेश प्रसाद की तहरीर पर धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। बवाल के बाद हिरासत में लिए 23 लोगों का शांति भंग व 14 के विरुद्ध 34 पुलिस एक्ट की कार्रवाई की गई है।
90 का पोस्टर जारी
पुलिस ने करीब 90 पत्थरबाजों का पोस्ट जारी किया, जिसमें से 60 की पहचान हो गई है। गिरफ्तारी में मदद करने पर एक हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। बवाल के दूसरे दिन स्थिति पूरी तरह से सामान्य रही।
शुक्रवार को जामा मस्जिद में दोपहर की नमाज के बाद युवकों ने बवाल कर दिया था। भीड़ ने सिविल डिफेंस के उप नियंत्रक सत्य प्रकाश सिंह और उनके सहयोगी विकास जालान पर हमला किया था।
सिविल डिफेंस के उप नियंत्रक सत्य प्रकाश ने भी पुलिस को चार नामजद सहित नौ के विरुद्ध तहरीर दी थी, लेकिन देर रात उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने से इन्कार कर दिया।
दो मुकदमे पुलिस ने अपनी तरफ से दर्ज किए हैं। फोटो से उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जा रही है। किसी भी निर्दोष के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी। - डा. सुनील गुप्त, एसएसपी
अमन-ओ-चैन के शहर में मुट्ठी भर ने बिगाड़ा माहौल
गोरखपुर, जेएनएन। शुक्रवार को हुए बवाल के बाद शनिवार की सुबह शांति का पैगाम लेकर आई। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ख़ूनीपुर, नखास, रेती और घंटाघर के जिन इलाकों में उपद्रवियों ने अमन-चैन को ध्वस्त करने की कोशिश की थी, शनिवार को वहीं के अमन पसंद लोगों ने उन्हें आईना दिखाया। दुकानें खुलीं तो लोगों ने घर से निकलकर रोजमर्रा की खरीदारी की। उन्होंने यह बताने की भी कोशिश की कि इस शहर में कौमी एकता की मजबूत डोर अफवाह या मुट्ठीभर उपद्रवियों के मंसूबों से कमजोर होने वाली नहीं है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कुछ अराजक तत्वों के चलते अचानक माहौल बिगड़ गया था। अमन पसंद हर शहरी के मन में इसकी पीड़ा है। नखास और घंटाघर इलाके के लोगों ने ऐसे उपद्रव की कल्पना भी नहीं की थी। अमन-ओ-चैन के इस शहर में मुट्ठी भर लोगों ने खलल डाल दिया। नखास चौक पर खरीदारी करने पहुंचे मुर्तजा कहने लगे कि जो हुआ, वह कतई ठीक नहीं था। लोकतांत्रिक व्यवस्था में विरोध का मतलब यह बिल्कुल नहीं कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाई जाए अथवा ङ्क्षहसा का सहारा लिया जाए। घंटाघर में माहौल का जायजा लेने पहुंचे रफीकुर्रहमान ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हमारा विरोध जरूर है, लेकिन सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का यह तरीका कत्तई गलत है। किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। गलती कुछ लोग करते हैं और झेलना सभी को पड़ता है।