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सीएए पर गरमाया असम विधानसभा,हिमंत बोले- कोई हिंदू जिन्ना नहीं हो सकता, वह धर्मनिरपेक्ष है

असम विधानसभा में वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कहा कि हिंदू समुदाय का व्यक्ति जिन्ना नहीं हो सकता। वहीं पूर्व सीएम तरुण गोगोई बोले कि हिंदू धर्म भाजपा की जागीर नहीं है

By TaniskEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 07:57 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 07:57 AM (IST)
सीएए पर गरमाया असम विधानसभा,हिमंत बोले- कोई हिंदू जिन्ना नहीं हो सकता, वह धर्मनिरपेक्ष है
सीएए पर गरमाया असम विधानसभा,हिमंत बोले- कोई हिंदू जिन्ना नहीं हो सकता, वह धर्मनिरपेक्ष है

गुवाहाटी, प्रेट्र। असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को राज्य विधानसभा में कहा कि हिंदू समुदाय का व्यक्ति जिन्ना नहीं हो सकता, क्योंकि वह कभी किसी पर हमला नहीं करता और वह धर्मनिरपेक्ष होता है। सरमा ने हिंदू बंगालियों को नागरिकता देने का भी समर्थन किया। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि हिंदू धर्म भाजपा की जागीर नहीं है। धर्म नागरिकता देने का आधार नहीं हो सकता।

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बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदुओं को नागरिकता देने का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, 'एक हिंदू जिन्ना नहीं हो सकता। किसी भी हिंदू राजा ने कोई मस्जिद या मंदिर ध्वस्त नहीं किया है। हिंदू हमेशा ही धर्मनिरपेक्ष होता है और किसी पर हमला नहीं करता। हिंदू धर्मनिरपेक्ष हैं।' सरमा नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) के प्रमुख हैं।

तरुण गोगोई के बयान का जवाब 

सरमा की यह टिप्पणी पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के छह जनवरी को दिए बयान का जवाब मानी जा रही है। गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'भारत का जिन्ना' बताते हुए पाकिस्तान के संस्थापक की तरह 'द्विराष्ट्र के सिद्धांत' का पालन करने का आरोप लगाया था।

सीएए असम समझौते का उल्लंघन नहीं करता है

सरमा ने असम विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) असम समझौते का उल्लंघन नहीं करता है। उन्होंने असम में कथित तौर पर बढ़ती मुस्लिम आबादी को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि एआइडीयूएफ प्रमुख अजमल बदरूद्दीन या उनके बेटे या उनके पोते 30 साल बाद अगले मुख्यमंत्री होंगे। इसे कोई नहीं रोक सकता।

सीएए के विरोध में कांग्रेस, एआइयूडीएफ विधायकों का हंगामा

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार को असम विधानसभा में कांग्रेस व एआइयूडीएफ विधायकों ने जोरदार हंगामा किया। राज्यपाल जगदीश मुखी ने जब भाषण शुरू किया तो विधायक रुपण कुर्मी ने आपत्ति जता दी। विधानसभा अध्यक्ष हितेन गोस्वामी ने घोषणा की कि राज्यपाल मुखी का भाषण पढ़ा हुआ माना जाएगा। विपक्ष ने विरोध स्वरूप चाय पार्टी का भी बहिष्कार कर दिया।


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