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CAA: मोदी की एक और गारंटी पूरी, सैकड़ों शरणार्थियों को नागरिकता का सर्टिफिकेट; शाह बोले- पीएम ने किया अपना वादा पूरा और अब...

Amit Shah On CAA अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश अफगानिस्तान और पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का वायदा आजादी के समय तत्कालीन नेताओं ने किया था जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने आज पूरा करके दिखाया है। उन्होंने सभी शरणार्थियों को भरोसा दिलाया कि मोदी सरकार सीएए के माध्यम से हर एक शरणार्थी को भारत की नागरिकता देकर रहेगी।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Wed, 15 May 2024 10:00 PM (IST)
CAA: मोदी की एक और गारंटी पूरी, सैकड़ों शरणार्थियों को नागरिकता का सर्टिफिकेट; शाह बोले- पीएम ने किया अपना वादा पूरा और अब...
CAA के तहत केंद्र सरकार ने कई लोगों को दी भारत की नागरिकता। (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए छह अल्पसंख्यक समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का काम शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने नार्थ ब्लाक स्थित अपने कार्यालय में 14 शरणार्थियों को भारत की नागरिकता का सर्टिफिकेट सौंप कर इसकी शुरूआत की। इसके साथ ही सैंकड़ों अन्य शरणार्थियों को ईमेल पर नागरिकता का सर्टिफिकेट भेजा गया। गृहमंत्री अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि शरणार्थियों के दशकों का इंतजार खत्म हुआ। उन्होंने इसे 'मोदी की गारंटी' यानी वादा पूरा होने की गारंटी' बताया।

सीएए के तहत किस-किसको मिली नागरिकता?

अमित शाह ने एक्स प्लेटफार्म पर दशकों तक पीडि़त शरणार्थियों को न्याय और उनका अधिकार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का वायदा आजादी के समय तत्कालीन नेताओं ने किया था, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने आज पूरा करके दिखाया है। उन्होंने सभी शरणार्थियों को भरोसा दिलाया कि मोदी सरकार सीएए के माध्यम से हर एक शरणार्थी को भारत की नागरिकता देकर रहेगी।

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सीएए पश्चिम बंगाल में कब लागू होगा?

सीएए पश्चिम बंगाल में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसके खिलाफ बयान दे रही है। वहीं अमित शाह ने ममता बनर्जी पर सीएए को लेकर लोगों का गुमराह करने का आरोप भी लगाया है। ध्यान देने की बात है कि दिसंबर 2019 में संसद में सीएए को पास हुआ था, जिसमें 31 दिसंबर 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रविधान है। लेकिन विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए इसपर अमल नहीं शुरू हो पाया।

सीएए की अधिसूचना क्या है?

लगभग पांच साल के इंतजार के बाद 11 मार्च को गृहमंत्रालय ने सीएए के नियमों को अधिसूचित कर इसे अमली जामा पहनाने का काम शुरू किया। इसके लिए विशेष पोर्टल पर आनलाइन आवेदन की सुविधा दी गई और शरणार्थियों को आवेदन में मदद करने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया। नागरिकता देने का काम तीव्र गति से पूरा करने के लिए पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाया। इन नियमों के तहत सभी जिलों में वरिष्ठ डाक अधीक्षक की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है।

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नागरिकता का सर्टिफिकेट क्या है?

जिला स्तरीय समितियां आवेदन के साथ दिए दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आवेदकों को भारत के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाते हैं। इसके बाद राज्य स्तर पर निदेशक (जनगणना संचालन) की अध्यक्षता में गठित समिति इन आवेदनों पर विचार करती है और उन्हें भारत की नागरिकता की सर्टिफिकेट जारी करती है। जिन 14 शरणार्थियों को गृह सचिव ने नागरिकता का सर्टिफिकेट दिया, वे दिल्ली के हैं और दिल्ली की राज्य स्तरीय समिति ने उन्हें भारत की नागरिकता के लिए उपयुक्त पाया है।

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