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एमपी में लॉकडाउन की वजह से 24 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव टल सकता है

शिवराज सरकार में दो पूर्व विधायकों तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री बना दिए जाने से अब जल्द उप चुनाव की संभावनाएं बनी हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 09:22 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 09:22 PM (IST)
एमपी में लॉकडाउन की वजह से 24 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव टल सकता है
एमपी में लॉकडाउन की वजह से 24 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव टल सकता है

भोपाल, स्टेट ब्यूरो। मध्यप्रदेश विधानसभा के दो दिवंगत विधायकों बनवारी लाल शर्मा और मनोहर ऊंटवाल के विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव नहीं हो पाने की वजह से मानसून सत्र में भी दोनों की सीट खाली रहेगी। नियमों के तहत इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में जून और जुलाई तक उप चुनाव होना थे, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में इनके चुनाव 22 विधायकों के इस्तीफे वाले विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही होने की संभावना है। इस प्रकार सभी 24 विधानसभा क्षेत्रों में कोरोना महामारी लॉकडाउन के चलते उप चुनाव कुछ महीने और टाले जा सकते हैं।

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बनवारी लाल शर्मा और ऊंटवाल के निधन से दो विधानसभा सीट रिक्त

मध्यप्रदेश में मुरैना जिले की जौरा विधानसभा सीट के कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा का 21 दिसंबर 2019 तथा आगर मालवा जिले की आगर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मनोहर ऊंटवाल का 30 जनवरी को निधन हुआ था। संसदीय विशेषज्ञों के मुताबिक सामान्य परिस्थितियों में दिवंगत विधायकों के विधानसभा क्षेत्र पर छह महीने के भीतर उप चुनाव कराकर नए जनप्रतिनिधि का निर्वाचन अनिवार्य है।

लॉकडाउन की वजह से विधानसभा उप चुनाव टाला जा सकता है 

निधन के बाद की समय सीमा के हिसाब से जौरा सीट पर 20 जून और आगर सीट पर 29 जुलाई तक उप चुनाव प्रक्रिया पूरी करा ली जाना है, लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से विशेष परिस्थितियां निर्मित हो रही हैं। इन परिस्थितियों में जिस तरह राज्यसभा के चुनावों को चुनाव आयोग ने आगे बढ़ाया है, जौरा व आगर विधानसभा सीटों के उप चुनाव को भी आगे बढ़ाया जाना है, लेकिन अब तक आयोग ने कोई सूचना जारी नहीं की है। इससे राजनीतिक गलियारों में असमंजस की स्थिति है।

पूर्व विधायकों के मंत्री बनने से जल्द उप चुनाव की संभावना

वहीं, दूसरी तरफ शिवराज सरकार में दो पूर्व विधायकों तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री बना दिए जाने से अब जल्द उप चुनाव की संभावनाएं बनी हैं। दोनों मंत्रियों को छह महीने के भीतर उप चुनाव का सामना करके विधायक निर्वाचित होना आवश्यक है। ऐसे में जौरा व आगर के अलावा इस्तीफा देने वाले 22 विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में भी अक्टूबर के पहले उप चुनाव की परिस्थितियां बन रही हैं।

चुनाव आयोग पर निर्भर 

विधानसभा सचिवालय ने दोनों दिवंगत विधायकों व 22 विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों के इस्तीफे से रिक्त हुई सीटों की सूचना चुनाव आयोग को भेज दी हैं। चुनाव आयोग को इन क्षेत्रों पर उप चुनाव की तारीखें घोषित करना है। छह महीने के भीतर उप चुनाव कराए जाने की स्थिति नहीं बनने पर आगे बढ़ाने का फैसला भी आयोग को लेना है- एपी सिंह, प्रमुख सचिव, मप्र विधानसभा।


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