पीएम मोदी की विपक्ष से अपील- बजट सत्र में पास होने दें तीन तलाक बिल
यह बिल शीत सत्र में विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया था। हालांकि लोकसभा में तो पास कराने में मोदी सरकार को कोई परेशानी नहीं हुई। मगर राज्यसभा में विपक्ष रोड़ा बनकर खड़ा हो गया।
नई दिल्ली, जेएनएन। आज से बजट सत्र शुरू हो रहा है और मोदी सरकार का पूरा जोर रहेगा कि तीन तलाक बिल पास हो जाए। पीएम मोदी संसद पहुंच चुके हैं। बजट सत्र शुरू होने से पहले उन्होंने भी विपक्ष से अपील की कि वे बजट सत्र में तीन तलाक बिल को पास होने दें।
बता दें कि यह बिल शीत सत्र में विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया था। हालांकि लोकसभा में तो पास कराने में मोदी सरकार को कोई परेशानी नहीं हुई। मगर राज्यसभा में विपक्ष रोड़ा बनकर खड़ा हो गया। दरअसल, विपक्ष में इस बिल में कुछ खामियां गिनाई हैं, खास तौर से सजा के प्रावधान पर आपत्ति है और इसमें बदलाव की मांग की जा रही है।
पीएम मोदी ने कहा, 'मैं राजनीतिक पार्टियों से विनम्र आग्रह करता हूं तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं के हक की रक्षा करने वाले निर्णय का हम सब सम्मान करें। 2018 में एक नई सौगात हम मुस्लिम महिलाओं को दें।'
यह भी कहा कि बजट का सर्वाधिक लाभ किसान, मजदूर को कैसे मिले, इसको लेकर सकारात्मक सुझाव मिलें और रेडमैप बनाकर हम आगे बढ़ें। वहीं उम्मीद जताई कि सामान्य लोगों की आशाओं को पूरा करने वाला बजट आएगा। उन्होंने कहा, 'पूरा विश्व भारत की प्रगति को लेकर आशान्वित हैं। विश्व की सभी क्रेडिट एजेंसी, वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ सकारात्मक ऑपिनियन देती रही हैं। यह बजट देश की बढ़ रही इकॉनमी को एक नई ऊर्जा देने वाला है।'
गौरतलब है कि बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति कोविंद रामनाथ के अभिभाषण से हो चुकी हैं। उन्होंने भी कहा कि तीन तलाक बिल पास होना चाहिए। यह मुस्लिम महिलाओं के हित में है ताकि वह बिना डर के सम्मान के साथ अपना जीवन जी सकें।
हालांकि बजट सत्र में भी तीन तलाक बिल को पास कराना आसान नहीं होगा। विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। इसमें कासगंज हिंसा का मुद्दा सर्वोपरि है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बजट सत्र में तीन तलाक बिल के पास होने पर संशय जताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ नाम का बजट सत्र है। चार दिन में चर्चा कैसे हो सकेगी? खड़गे ने कहा कि एक दिन राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा, एक दिन बजट पेश होगा और दो दिन गैर-सरकारी बिलों पर चर्चा होगी। कैसे चार दिनों में सारी चीजें हो पाएंगी? वे सिर्फ इसे पास कराना चाहते हैं और चुनाव लड़ना चाहते हैं।
खड़गे ने आगे कहा कि बिल में कई विसंगतियां हैं। आखिरी क्षण में इसे पेश किया गया। ये संसद के लोकतंत्र को कमजोर करता है। सत्तारूढ़ पार्टी चीजों को हल्के में ले रही है।