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संसद का बजट सत्र: सहयोगी दल के साथ विपक्षियों का विरोध-प्रदर्शन जारी

बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे हफ्ते की शुरुआत भी सदन में हंगामे और शोर शराबे से हुई है और आज भी संसद भवन में प्रदर्शन जारी है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 08:50 AM (IST)Updated: Tue, 13 Mar 2018 10:58 AM (IST)
संसद का बजट सत्र: सहयोगी दल के साथ विपक्षियों का विरोध-प्रदर्शन जारी
संसद का बजट सत्र: सहयोगी दल के साथ विपक्षियों का विरोध-प्रदर्शन जारी

नई दिल्ली, जेएनएन।  संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण अब तक हंगामेदार रहा है और यह सिलसिला जारी है। विपक्ष पीएनबी घोटाले पर सरकार को घेरने की अपनी आक्रामकता से पीछे हटने को तैयार नहीं है। वहीं राजग की सहयोगी टीडीपी भी आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग का अपना सियासी दांव छोड़ने को राजी नहीं है। आज भी पार्टी ने संसद भवन में अपनी इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

वहीं आधार लिंकिंग को लेकर टीएमसी सांसदों ने भी विरोध जताया। जबकि कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन को लेकर एआइएडीएमके सांसदों का भी प्रदर्शन जारी है।

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हालांकि सरकार भी विपक्ष की घेरेबंदी या सहयोगी दल के दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं दिख रही है। इसी खींचतान को देखते हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के संचालन पर संशय के बादल गहराने लगे हैं। ऐसे में सरकार मंगलवार से वित्त विधेयक पारित कराने की कोशिश करेगी।

लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को हंगामे की वजह से चंद मिनटों में ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। इस तरह बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे हफ्ते की शुरुआत भी सदन में हंगामे और शोर शराबे से हुई।

5 मार्च से शुरू हुए सत्र के पहले हफ्ते में भी पीएनबी घोटाले और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग पर लगातार हुए हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो पाया। कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी दल दोनों सदनों में कार्यस्थगन या मतविभाजन नियमों के तहत पीएनबी घोटाले पर बहस की मांग कर रहे हैं।

विपक्ष का मकसद साफ तौर पर घोटाले पर चर्चा के साथ वोटिंग के जरिये सरकार की घेरेबंदी को सियासी रिकॉर्ड में दर्ज करना है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि सरकार नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के घोटाले पर पर्दा डालने के लिए बहस से बच रही है। इसीलिए विपक्षी सांसदों की मांग अनसुनी की जा रही है।

सरकार विपक्ष के इन दावों को खारिज कर रही है। उसका साफ कहना है कि वह चर्चा के नियमों के तहत पीएनबी घोटाले पर बहस के लिए राजी है। मगर विपक्ष सियासी हंगामा जारी रखने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव के हथियार का इस्तेमाल कर रहा है।

संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश को आजकल लोकतंत्र पर कांग्रेस के प्रवचन से रुबरू होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि संसद में हंगामे का औचित्य नहीं है और सरकार नियम 193 के तहत लोकसभा में पीएनबी घोटाले पर बहस के लिए तैयार है। साफ है कि सरकार और विपक्ष दोनों सदन ठप होने के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मगर दूसरी हकीकत यह भी है कि गतिरोध दूर करने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष में शीर्ष स्तर पर अभी तक सीधा संवाद नहीं हो रहा है।


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