इस्तीफे के ऐलान से पहले येद्दयुरप्पा का भावुक भाषण, कहा- कभी भी हो सकता है चुनाव
फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा को संबोधित करते हुए बीएस येद्दयुरप्पा ने भावुक भाषण दिया। उन्होंने ये भी कहा कि कभी भी चुनाव हो सकते हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। बहुमत परीक्षण से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने काफी भावुक भाषण दिया। उन्होंने भाषण की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का नाम लिया। इसके बाद येद्दयुरप्पा ने भाषण में धीरे-धीरे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को निशाने पर लिया और अंततः सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
येद्दयुरप्पा ने भाषण की शुरुआत उसी तर्क से शुरू की, जिसे आधार बनाते हुए राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा ठोंका था। उन्होंने कहा कि जनादेश जनादेश कांग्रेस और जेडीएस के खिलाफ आया है। उन्होंने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को अवसरवादी करार दिया।
'जब तक जिंदा हूं किसानों को समर्पित रहूंगा'
येद्दयुरप्पा ने कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, अन्नदाता किसान को पूरी तरह मदद करने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि हमें किसानों की समस्याओं को दूर करने का मौका नहीं मिला। येद्दयुरप्पा ने कि एक तरफ किसान आंसू बहा रहे हैं और दूसरी तरफ चुनाव हो गए। इसी वजह से हमें जनादेश मिला। इसके अलावा येद्दयुरप्पा ने पीने का पानी की समस्या को भी सदन में अपने संबोधन में शामिल किया। येद्दयुरप्पा ने कहा कि उन्होंने पिछले पांच साल में बहुत उतार चढ़ाव देखे।
अमित शाह और मोदी को धन्यवाद
येद्दयुरप्पा ने संबोधन में आगे बढ़ते हुए कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें सीएम उम्मीदवार बनाया। उन्होंने कहा कि चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस एक दूसरे के खिलाफ लड़े और बहुमत न मिलने पर सरकार बनाने के लिए एक हो गए। येद्दयुरप्पा ने कांग्रेस-जेडीएस के इस गटबंधन को अवसरवादी बताया।
स्पष्ट बहुमत न मिलने का दर्द छलका
येद्दयुरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित करना है, लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा को संबोधन में येद्दयुरप्पा को स्पष्ट बहुमत न मिलने का दर्द साफ झलका। उन्होंने कहा कि हमें अगर 113 सीट मिली होती तो स्थिति अलग होती। इसके साथ ही येद्दयुरप्पा ने फिर से जनता के बीच जाने और चुनाव जीतकर आने की बात कही। उन्होंने कहा कि वे राज्य के हर इलाके में जाएंगे और जीतकर आएंगे। येद्दयुरप्पा ने कहा कि प्रजातंत्र में जनता ही मालिक है।
और इस्तीफे पर अंत!
येद्दयुरप्पा ने संबोधन के अंत में राज्य की जनता को आभार व्यक्त किया। संबोधन के अंत में येद्दयुरप्पा ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि वे यहां से राज्यपाल के पास जाएंगे और इस्तीफा देंगे।