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क्‍या गोवा में दोहराया जाएगा इतिहास, सीएम की गैरमौजूदगी में अतीत से बढ़ी आशंका

मनोहर पर्रिकर जो इलाज के लिए मुंबई के लीलावती अस्‍पताल में भर्ती हैं और जल्‍द ही अमेरिका भी रवाना हो सकते हैं, उन्‍हें यह जरूर जानना चाहिए।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Tue, 06 Mar 2018 04:50 PM (IST)Updated: Tue, 06 Mar 2018 05:43 PM (IST)
क्‍या गोवा में दोहराया जाएगा इतिहास, सीएम की गैरमौजूदगी में अतीत से बढ़ी आशंका
क्‍या गोवा में दोहराया जाएगा इतिहास, सीएम की गैरमौजूदगी में अतीत से बढ़ी आशंका

पणजी, आइएएनएस। गोवा जो अपने खूबसूरत बीच के लिए जाना जाता है, वह तेजी से बदलती सत्‍ता का गवाह भी रहा है। पिछले 10 साल में 13 मुख्‍यमंत्रियों ने इस पर शासन किया, मगर इस दौरान एक अभिशाप भी देखने को मिला और वो ये कि जो भी मुख्‍यमंत्री विदेश दौरे पर गया, वापस आने पर उसे अपना किला धाराशायी मिला।

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अतीत में यह खास तौर से दो मुख्‍यमंत्रियों पर बिल्‍कुल परिलक्षित होता है, जो गठबंधन सरकार का नेतृत्‍व कर रहे थे। गोवा के मौजूदा मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्रिकर जो इलाज के लिए मुंबई के लीलावती अस्‍पताल में भर्ती हैं और जल्‍द ही अमेरिका भी रवाना हो सकते हैं, उन्‍हें यह जरूर जानना चाहिए।

गैरमौजूदगी में अतीत से बढ़ी आशंका

फिलहाल पर्रिकर की अनुपस्थिति में एक भाजपा मंत्री के नेतृत्‍व में तीन सदस्‍यीय कमेटी गोवा की सत्‍ता संभालेगी। मगर इसमें गठबंधन सहयोगी महाराष्‍ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फारवर्ड के एक-एक मंत्री भी शामिल हैं। पिछले साल फरवरी में हुए चुनाव में दोनों पार्टियों ने भाजपा के खिलाफ जमकर चुनाव प्रचार किया था। ऐसे में एक बार फिर इतिहास सामने आ खड़ा हुआ है। उसी डर की आशंका जताई जाने लगी है कि कहीं पर्रिकर के पीछे उनका भी राजनीतिक किला तो नहीं ढह जाएगा।

सार्डिन्हा को कर दिया था सत्‍ता से बेदखल



अक्‍टूबर 2000 में गोवा पीपुल्‍स पार्टी के नेतृत्‍व में गोवा में गठबंधन सरकार थी। मुख्‍यमंत्री फ्रान्सिस्को सार्डिन्हा ने कांग्रेस से अलग होकर यह पार्टी बनाई थी। मगर जब वह ऑस्‍ट्रेलिया दौरे पर गए तो वापस आने पर उनके हाथ से सत्‍ता छिन चुकी थी। यह पर्रिकर ही थे, जिन्‍होंने मुख्‍यमंत्री बनने के लिए सार्डिन्हा को सत्‍ता से बेदखल किया था। उस वक्‍त 10 विधायकों के साथ भाजपा गोवा पीपुल्‍स पार्टी की एक सहयोगी थी।

अब 72 वर्षीय सार्डिन्हा ने इस पर खुलकर बात की है और इस 'धोखेबाजी' को भरोसे और किस्‍मत का असफल परीक्षण करार दिया है। बकौल सार्डिन्हा, 'ऑस्‍ट्रेलिया जाने से पहले लोगों ने मुझसे कहा था कि मेरी सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है। मैंने इसकी परवाह नहीं की। मैंने कहा कि जो होगा, देखा जाएगा। मगर जब मैं वापस लौटा तो वाकई में ऐसा हो गया था।'

विल्फ्रेड डिसूजा भी गुजरे थे इस दौरे से

सत्‍ता से बेदखल किए जाने के बाद सार्डिन्हा वापस कांग्रेस में चले गए थे। हालांकि वह विदेश दौरे पर जाने वाले और राजनीतिक सहयोगियों द्वारा धोखा खाने वाले गोवा के पहले मुख्‍यमंत्री नहीं हैं। स्‍वर्गीय विल्फ्रेड डिसूजा को भी इसी तरह सत्‍ता से बेदखल किया गया था। वह नवंबर 1998 में लंदन में थे, तब उनकी गोवा राजीव कांग्रेस नेतृत्‍व की गठबंधन सरकार गिरा दी गई थी, जिसे एमजीपी और भाजपा का समर्थन प्राप्‍त था। मगर उनके सहयोगियों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए थे और दयानंद नारवेकर के नेतृत्‍व में उनके साथी कैबिनेट मंत्रियों ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर सत्‍तापलट कर दिया था।


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