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MP Political Crisis: मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार के संकट पर दिल्ली में भाजपा का चिंतन

मध्य प्रदेश में जारी संकट में एक तरफ जहां कांग्रेस के तीन विधायक अभी भी सरकार के संपर्क से बाहर हैं वहीं माना जा रहा है कि कम से कम दो भाजपा विधायकों के रुख बागी हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 07:53 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 07:53 PM (IST)
MP Political Crisis: मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार के संकट पर दिल्ली में भाजपा का चिंतन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मध्य प्रदेश सरकार पर घिरे संकट के बीच प्रदेश भाजपा भी जद्दोजहद से गुजर रही है। दोनों ओर से एक दूसरे के खेमे में सेंध की कोशिश जारी है। एक तरफ जहां कांग्रेस के तीन विधायक अभी भी सरकार के संपर्क से बाहर हैं, वहीं माना जा रहा है कि कम से कम दो भाजपा विधायकों के रुख बागी हैं। जबकि दोनों ओर से दावे भी हो रहे हैं कि आधा दर्जन से ज्यादा विधायक ऐसी स्थिति में शुक्रवार को दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा, प्रह्लाद पटेल, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव व कुछ अन्य नेता मध्य प्रदेश से आने वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर पूरी स्थिति पर चर्चा की।

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मध्य प्रदेश सरकार का संकट अभी खत्म नहीं हुआ

यूं तो शुक्रवार को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बेटे के रिसेप्शन में सम्मिलित होने के लिए पूरे देश से भाजपा के नेता दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं। मध्य प्रदेश के नेताओं ने इसे मंथन का एक अवसर बना लिया। सूत्र बताते हैं कि इन नेताओं की लगभग दो घंटे तक बैठक चली। गुरुवार को भी कुछ नेताओं के बीच विमर्श हुआ था। बताया जा रहा है कि भाजपा हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहती है। मध्य प्रदेश सरकार का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। लेकिन जो हाल है उसमें यह कहना भी मुश्किल है कि भाजपा के पक्ष में स्थिति बनी है। दो नेता बागी दिख रहे हैं। जबकि कांग्रेस नेताओं की ओर से अभी और छह सात विधायकों के संपर्क में होने की बात कही जा रही है।

भाजपा के लिए अपना कुनबा संभालने की भी चुनौती 

बताया जाता है कि भाजपा के लिए अपना कुनबा संभालने की भी चुनौती है और अवसर आने पर सरकार गठन के लिए एक राय से तैयार रहने और संख्या बल में सौ फीसद दुरुस्त रहने की भी चुनौती है। हालांकि औपचारिक रूप से भाजपा नेता इससे साफ मना कर रहे हैं कि वह सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन यह ऐसा अवसर है कि जब भाजपा के अंदर ही अलग अलग नेता विपक्षी खेमे में अपना प्रभाव दिखाकर अपनी राजनीतिक हैसियत भी बढ़ाना चाहेंगे। बताया जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व की ओर से इन नेताओं को किसी भी बयानबाजी से बचने की सलाह दी गई है लेकिन यह जारी है।


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