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मेघालय में भाजपा ने 2 विधायकों के दम पर एेसे जुटाया 34 विधायकों का समर्थन

मेघालय में भी राजग सरकार। भाजपा ने 2 विधायकों के दम पर 34 का समर्थन जुटाया। गोवा व मणिपुर के बाद मेघालय में भी चूकी कांग्रेस।

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 05 Mar 2018 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 05 Mar 2018 02:18 PM (IST)
मेघालय में भाजपा ने 2 विधायकों के दम पर एेसे जुटाया 34 विधायकों का समर्थन

शिलांग (एजेंसी)। त्रिपुरा और नगालैंड में खाता तक नहीं खोल पाने वाली कांग्रेस मेघालय में भी सत्ता से दूर हो गई। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की रणनीति को फेल कर दिया। राजग की सहयोगी एनपीपी के अध्यक्ष कॉनराड संगमा ने 34 विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए रविवार शाम राज्यपाल गंगा प्रसाद के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। इसके साथ ही पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों-त्रिपुरा, नगालैंड व मेघालय, जहां हाल में चुनाव हुए हैं, राजग की सरकारें बनने का रास्ता साफ हो गया। पूर्वोत्तर के 'सेवन सिस्टर स्टेट' में अब मात्र मिजोरम में कांग्रेस सरकार रह जाएगी। रविवार को घटे नाटकीय घटनाक्रम में 21 सीट जीतने वाली कांग्रेस को सत्ता से दूर करते हुए भाजपा ने 5 दलों और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बनाने का रास्ता साफ कर लिया है।

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60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) 19, भाजपा 2, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) 6, एचएसपीडीपी 2, पीडीएफ 4 और 1 निर्दलीय के साथ आने से इस गठबंधन के पास 34 विधायकों का समर्थन हो गया है।

वहीं सबसे ज्यादा 21 सीट जीतकर राज्य में सबसे बड़ी एकल पार्टी रही कांग्रेस बहुमत से महज 10 सीट दूर रही और फिर से सरकार बनाने की उसकी योजना नाकाम हो गई।

कॉनराड संगमा होंगे सीएम

पूर्व लोकसभा स्पीकर स्व. पीए संगमा के छोटे बेटे कॉनराड ने रविवार शाम एनपीपी (19), भाजपा (2), यूडीपी (6), एचएसपीडीपी (2), पीडीएफ (4) और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया। राजभवन की ओर से औपचारिकताओं का इंतजार किया जा रहा है। लेकिन, संगमा का मुख्यमंत्री बनना तय है। ज्ञात हो कि एनपीपी केंद्र व मणिपुर में राजग की सहयोगी है।

मेघालय में भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार कॉनराड संगमा ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, कांग्रेस के पास 21 सीटें थीं। हमने 34 सीटों पर बहुमत हासिल की। आप ही बताइए राज्यपाल 21 वाले को बुलायेंगे या 34 वाले को। हमारे पास स्पष्ट रुप से बहुमत है। इसमें आश्चर्य वाली कोई बात नहीं है। ।

कांग्रेस ने किया था दावा

शनिवार को कांग्रेस के तीन नेताओं कमलनाथ, अहमद पटेल व सीपी जोशी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सबसे ब़़डे दल के नाते कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता देने की मांग की थी। 60 सदस्यीय मेघालय विस में कांग्रेस के 21 सदस्य जीते हैं। राज्य में कांग्रेस 10 साल से सत्ता में थी। इस बार वह बहुमत से 10 सीटें पीछे रही।

नगालैंड में रियो को न्योता

नगालैंड के राज्यपाल पीबी आचार्य ने भाजपा की सहयोगी एनडीपीपी के नेता नेफियू रियो को सरकार बनाने का न्योता दे दिया है। रियो ने 60 सदस्यीय विस में 32 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। आचार्य ने बताया कि उन्होंने रियो को सोमवार तक अपने समरिक विधायकों का पत्र सौंपने को कहा है। राज्य में एनडीपीपी ने 18 व भाजपा ने 12 सीटें जीती हैं। जदयू के एकमात्र विधायक जी काइतो आये व निर्दलीय टोंगपेंग ओजुकुम ने समर्थन दिया है। रियो राज्य के तीन बार के मुख्यमंत्री हैं।

त्रिपुरा में सीएम का चुनाव छह को

त्रिपुरा में भाजपा की सबसे सशक्त जीत के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बिप्लब कुमार देव का मुख्यमंत्री बनना तय है। भाजपा विधायक दल की छह मार्च को होने वाली बैठक में उन्हें नेता चुने जाने की पूरी संभावना है। वाम मोर्चा की हार के बाद माणिक सरकार ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल तथागत राय ने उनसे नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया।

पीए संगमा के बेटे हैं कॉनराड 

कॉनराड संगमा मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा के पूर्व स्पीकर स्व. पीए संगमा के बेटे हैं। 1996 में पहली बार जब 13 दिनों के लिए अटल सरकार बनी थी, उस समय संगमा ही स्पीकर थे। कॉनराड की बहन अगाथा संगमा मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रह चुकी हैं।उनके बडे भाई जेम्स इस समय विस में विपक्ष के नेता हैं। दोनों भाई पहली बार 2008 में विधायक बने थे।

उत्तर-पूर्व ने नफरत की राजनीति ठुकराई : मोदी पीएम

नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों में राजग की जीत पर फिर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व के लोगों ने 'नफरत की राजनीति' को सर्वसम्मति से खारिज किया। बेंगलुरू से 70 किमी दूर तुमाकुर में एक युवा सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के नतीजों से उन्हें बेहद खुशी हुई। केंद्र सरकार उत्तर-पूर्व के भावनात्मक एकीकरण की दिशा में काम कर रही है। पिछली कांग्रेस व वाम सरकारों की नीतियों के कारण वहां के लोग देश की मुख्य धारा से कटा महसूस कर रहे थे।

त्रिपुरा में जीत से मिथक टूट गया : शिवराज

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने त्रिपुरा में जीत को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, 'इस जीत से यह मिथक टूट गया है कि भाजपा सिर्फ कांग्रेस शासित राज्यों में ही सत्ता हथिया सकती है। जब दिल्ली व बिहार में पार्टी हार रही थी तब अन्य दलों में धारणा बनने लगी थी कि भाजपा कांग्रेस शासित राज्यों के अलावा कहीं नहीं जीत सकती, लेकिन त्रिपुरा के परिणाम ने यह मिथक तोड़ दिया।'


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