नोटबंदी ने वामपंथी चरमपंथियों की तोड़ी कमर, शहरी नक्सली को किया बेनकाब
भाजपा की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोदी सरकार के नोटबंदी के कड़े फैसले से वामपंथी चरमपंथियों की कमर टूट गई है और शहरी नक्सलियों का असली चेहरा लोगों के सामने आ गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा थिंक टैंक ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोदी सरकार के नोटबंदी के कड़े फैसले से वामपंथी चरमपंथियों की कमर टूट गई है और शहरी नक्सलियों का असली चेहरा लोगों के सामने आ गया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 12 और 20 नवंबर को मतदान होगा।
पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर (पीपीआरसी) ने नक्सलियों से निपटने में नोटबंदी का प्रभाव नाम से जारी अपने अध्ययन में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले ने वामपंथी चरमपंथियों की कमर तोड़ दी है, और शहरी नक्सली बेनकाब हो गए हैं। पीपीआरसी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा, बीजापुर, राजनांदगांव और नारायणपुर जिलों में आदिवासियों के साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से बात के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है।
भाजपा के उपाध्यक्ष और पीपीआरसी के निदेशक विनय सहस्त्रबुद्धे ने इस शोध अध्ययन को जारी किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 की तुलना में नोटबंदी के बाद साल 2017 में नक्सलियों की गिरफ्तारी और समर्पण के मामले 55 फीसद बढ़ गए। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर करने का ऐलान किया था।