MP विधानसभा चुनाव: चार मई को होगा चुनावी शंखनाद, अमित शाह कार्यकर्ताओं से करेंगे मुलाकात
अमित शाह 4 मई को भोपाल के प्रवास पर आएंगे। इस दिन शाह ने पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है।
By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 09:25 AM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 09:25 AM (IST)
style="text-align: justify;">भोपाल (नईदुनिया/स्टेट ब्यूरो)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 4 मई को भोपाल के प्रवास पर आएंगे। इस दिन शाह ने पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। इसमें मंडल अध्यक्ष, महामंत्री से लेकर प्रदेश पदाधिकारी और सभी मोर्चा संगठनों के प्रमुख शामिल होंगे। प्रदेश में पार्टी के साढ़े आठ सौ से ज्यादा मंडल हैं। इसके अलावा सारे पदाधिकारी मिलाकर दो सौ कार्यकर्ता शामिल होंगे। कुल मिलाकर इस बैठक में पांच हजार से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल होंगे।
बैठक राजधानी के भेल दशहरा मैदान में आयोजित की गई है। इसी दिन शाह प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को भी संबोधित करेंगे। विधानसभा चुनाव 2018 के रोडमैप को अमलीजामा पहनाने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भोपाल आ रहे हैं। पार्टी सूत्रों का मानना है कि अब तक बने कार्यक्रम में शाह सुबह भोपाल पहुंचेंगे और शाम को नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। इसमें चुनावी चुनौतियों से निपटने से लेकर चुनावी बिगुल फूंक दिया जाएगा। पार्टी के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह को मजबूत करने की दृष्टि से भी यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो अमित शाह की इस मेगा बैठक का मूल उद्देश्य कार्यकर्ताओं में जान फूंकना है, ताकि वे जी जान से चुनाव की तैयारियों के लिए निकल पड़ें। पार्टी नेताओं का मानना है कि संगठन में बदलाव की खबरों के चलते लंबे समय से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, जिस कारण संगठनात्मक ढांचा कुछ कमजोर हुआ है। जो लक्ष्य अब तक पार्टी को हासिल कर लेने थे, वे नहीं हो पाए हैं।
बूथ कार्यकर्ता ही ताकत
पार्टी सूत्रों की मानें तो शाह के दौरे का मूल मकसद कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करना और चुनावी तैयारियों का जायजा लेना है। शाह की टीम ने प्रदेशभर का दौरा कर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें बताया गया है कि कार्यकर्ताओं में स्थानीय विधायक से लेकर मंत्रियों के कामकाज को लेकर भारी नाराजगी है। बीते 14 साल में संगठन से लेकर सरकार ने कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनने और उनका निराकरण करने का कोई भी सिस्टम नहीं बनाया। संवादहीनता की इस स्थिति के कारण कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिरा हुआ है। शाह इस बैठक में कार्यकर्ताओं को सीधा संदेश देंगे कि गिले-शिकवे भुलाकर वे चुनावी तैयारी में जुट जाएं।
सौदान ने भी जताई चिंता पार्टी
सूत्रों के मुताबिक पार्टी के सहसंगठन महामंत्री सौदान सिंह ने प्रदेश दौरे के बाद जो रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी है, उसमें भी विधानसभा चुनाव के मद्देजनर सारी चुनौतियों का ब्योरा दिया गया है। इसमें बताया गया है कि संभाग प्रभारियों से लेकर पूरे संगठन ने मंडल स्तर तक न तो प्रवास किए और न ही कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित किया। उन्होंने प्रदेश में पन्ना प्रभारी से लेकर बूथ प्रभारी और कमेटी के गठन में हुई देरी पर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के नेता अतिआशावाद के शिकार हैं।
पार्टी के सामने चुनौतियां
-एसटी-एससी वोटर इन दिनों भाजपा से नाराज चल रहा है, उसे कैसे मनाया जाए।
-किसान आंदोलन के बाद सरकार पर किसानों का भरोसा अब तक दोबारा नहीं लौटा।
-कानून व्यवस्था बिगड़ने और महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध से सरकार की किरकिरी हो रही है।
-बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी है।
-चुनावी नैया पार कराने के लिए सिर्फ शिवराज और मोदी के ऊपर पार्टी आश्रित।
-संगठन और कार्यकर्ताओं में संवाद व समन्वय की कमी।
बैठक राजधानी के भेल दशहरा मैदान में आयोजित की गई है। इसी दिन शाह प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को भी संबोधित करेंगे। विधानसभा चुनाव 2018 के रोडमैप को अमलीजामा पहनाने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भोपाल आ रहे हैं। पार्टी सूत्रों का मानना है कि अब तक बने कार्यक्रम में शाह सुबह भोपाल पहुंचेंगे और शाम को नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। इसमें चुनावी चुनौतियों से निपटने से लेकर चुनावी बिगुल फूंक दिया जाएगा। पार्टी के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह को मजबूत करने की दृष्टि से भी यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो अमित शाह की इस मेगा बैठक का मूल उद्देश्य कार्यकर्ताओं में जान फूंकना है, ताकि वे जी जान से चुनाव की तैयारियों के लिए निकल पड़ें। पार्टी नेताओं का मानना है कि संगठन में बदलाव की खबरों के चलते लंबे समय से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, जिस कारण संगठनात्मक ढांचा कुछ कमजोर हुआ है। जो लक्ष्य अब तक पार्टी को हासिल कर लेने थे, वे नहीं हो पाए हैं।
बूथ कार्यकर्ता ही ताकत
पार्टी सूत्रों की मानें तो शाह के दौरे का मूल मकसद कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करना और चुनावी तैयारियों का जायजा लेना है। शाह की टीम ने प्रदेशभर का दौरा कर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें बताया गया है कि कार्यकर्ताओं में स्थानीय विधायक से लेकर मंत्रियों के कामकाज को लेकर भारी नाराजगी है। बीते 14 साल में संगठन से लेकर सरकार ने कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनने और उनका निराकरण करने का कोई भी सिस्टम नहीं बनाया। संवादहीनता की इस स्थिति के कारण कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिरा हुआ है। शाह इस बैठक में कार्यकर्ताओं को सीधा संदेश देंगे कि गिले-शिकवे भुलाकर वे चुनावी तैयारी में जुट जाएं।
सौदान ने भी जताई चिंता पार्टी
सूत्रों के मुताबिक पार्टी के सहसंगठन महामंत्री सौदान सिंह ने प्रदेश दौरे के बाद जो रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी है, उसमें भी विधानसभा चुनाव के मद्देजनर सारी चुनौतियों का ब्योरा दिया गया है। इसमें बताया गया है कि संभाग प्रभारियों से लेकर पूरे संगठन ने मंडल स्तर तक न तो प्रवास किए और न ही कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित किया। उन्होंने प्रदेश में पन्ना प्रभारी से लेकर बूथ प्रभारी और कमेटी के गठन में हुई देरी पर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के नेता अतिआशावाद के शिकार हैं।
पार्टी के सामने चुनौतियां
-एसटी-एससी वोटर इन दिनों भाजपा से नाराज चल रहा है, उसे कैसे मनाया जाए।
-किसान आंदोलन के बाद सरकार पर किसानों का भरोसा अब तक दोबारा नहीं लौटा।
-कानून व्यवस्था बिगड़ने और महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध से सरकार की किरकिरी हो रही है।
-बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी है।
-चुनावी नैया पार कराने के लिए सिर्फ शिवराज और मोदी के ऊपर पार्टी आश्रित।
-संगठन और कार्यकर्ताओं में संवाद व समन्वय की कमी।
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