कांग्रेस ने न जवान को याद रखा, न किसान को: अमित शाह
अमित शाह ने कहा है कि कांग्रेस ने न किसानों को याद रखा और न जवानों को।
जयपुर, जेएनएन। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि कांग्रेस ने न किसानों को याद रखा और न जवानों को। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान जय किसान के नारे को सही ढंग से भाजपा की सरकार ने लागू किया है। हमने किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य भी दिया है और जवान को वन रैंक वन पेंशन भी। वह गुरुवार को राजस्थान के सीकर में पूर्व सैनिकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
गौरतलब है कि राजस्थान में सीकर शेखावटी की धरती सैनिकों की धरती कहलाती है। राजस्थान से सबसे ज्यादा सैनिक इसी क्षेत्र के हैं। ऐसे में अमित शाह के पूर्व सैनिकों के इस सम्मेलन को यहां काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मौके पर शाह ने कहा कि हमसे पहले कांग्रेस की सरकार थी और सीमा पर खड़े सैनिक को कुछ भी करने से पहले पूछना पड़ता था, लेकिन अब उसे कुछ पूछना नहीं पड़ता। उधर से गोली आती है तो इधर से गोले से जवाब दिया जाता है।
सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि जब उड़ी सेक्टर में हमला हुआ तो सबको लगा था कि कुछ नहीं होगा और प्रधानमंत्री एक छोटा सा बयान देकर बात खत्म कर देंगे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने सैनिकों से कहा कि आप घर में घुसकर बदला लीजिए और ऐसा ही हुआ भी। इस मामले में कांग्रेस के बयान की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सर्जिकल स्ट्राइक की अहमियत नहीं समझ सकते। उनकी आंखों पर चश्मे चढ़े हैं। शाह ने यहां भी एनआरसी और घुसपैठियों का जिक्र किया और कहा कि आज ही सरकार ने सात रोहिंग्याओं को वापस भेजा है, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत भर है। हम एक-एक घुसपैठिए को वापस भेजेंगे।
शाह ने कहा कि हम ज्यादातर समय विपक्ष में रहे, इसके बावजूद सैनिक हमेशा हमारी प्राथमिकता में रहे हैं। आज सरकार में आने के बाद भी सैनिक हमारी प्राथमिकता में शुमार हैं। शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था, लेकिन कांग्रेस ने न किसान को याद रखा न और न जवान को। किसान उपज का उचित मूल्य मांगता रहा और जवान वन रैंक वन पेंशन। इस मांग को हमारी सरकार ने पूरा किया। सीकर में शाह ने पार्टी के शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया और आने वाले चुनाव में पूरी तरह जुट जाने का संदेश दिया।