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भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी करेंगे संबोधित, बतौर अध्यक्ष नड्डा की पहली बैठक

भारतीय जनता पार्टी की आज संसदीय दल की बैठक हो रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र समेत लगभग सभी भाजपा सांसद शामिल हुए हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 08:57 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 08:57 AM (IST)
भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी करेंगे संबोधित, बतौर अध्यक्ष नड्डा की पहली बैठक

नई दिल्‍ली, एएनआइ। भारतीय जनता पार्टी की आज संसदीय दल की बैठक हो रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र समेत लगभग सभी भाजपा सांसद शामिल हैं। बैठक को पीएम मोदी संबोधित कर सकते हैं। खबरों के मुताबिक, भाजपा सांसद अनंत हेगड़े संसदीय दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। हाल ही में अनंत हेगड़े ने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था।

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इन दिनों सड़क से संसद तक नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर विरोध प्रदर्शनों हो रहा है। इस बीच संसदीय दल की बैठक काफी महत्‍वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा के सभी भाजपा सांसद मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि बतौर अध्यक्ष नड्डा की यह पहली बैठक है। इसलिए बैठक में सबसे पहले नड्डा का स्वागत होगा। स्वागत भाषण भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह दे सकते हैं और फिर इसके बाद पीएम मोदी का संबोधन होगा।

ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में पीएम मोदी सांसदों को सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर नसीहत देंगे। हालांकि, भाजपा के सभी नेताओं ने यह साफ कर दिया है कि नागरिकता संशोधन कानून को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा। सोमवार को बजट सत्र के दौरान दिल्‍ली से सांसद प्रवेश वर्मा ने भी कहा कि सीएए को वापस नहीं लिया जाएगा।

हेगड़े बैठक में नहीं होंगे शामिल!

बताया जा रहा है कि अनंत हेगड़े संसदीय दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे, इसकी वजह महात्‍मा गांधी पर दिया गया वो बयान है, जिससे विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ पीएम मोदी भी खफा हैं। हालांकि, इसे लेकर अभी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। बता दें कि हेगड़े ने बेंगलुरू के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर कहा था कि आजादी की पूरी लड़ाई अंग्रेजों की सहमति एवं सहयोग से लड़ी गई थी और महात्मा गांधी के नेतृत्व वाला स्वतंत्रता आंदोलन एक ड्रामा था। सत्याग्रह और भूख हड़ताल भी ड्रामा था। यह वास्तविक लड़ाई नहीं, बल्कि तालमेल से किया स्वतंत्रता आंदोलन था।


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