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सुनील बंसल भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री नियुक्‍त, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के होंगे प्रभारी

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीजेपी यूपी के महासचिव सुनील बंसल को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है। ओडिशा पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के प्रभारी होंगे। इससे पहले वह उत्‍तर प्रदेश में संगठन मंत्री थे। उन्‍हें राज्‍य की राजनीति से देश की राजनीति में लाया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 04:57 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2022 11:09 PM (IST)
सुनील बंसल भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री नियुक्‍त, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के होंगे प्रभारी
बीजेपी यूपी के महासचिव सुनील बंसल को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में लंबे अरसे से भाजपा के संगठन महामंत्री का दायित्व संभाल रहे सुनील बंसल अब राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना का प्रभार देखेंगे। जबकि झारखंड के संगठन महामंत्री धर्मपाल को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। सुनील बंसल के साथ सह-संगठन मंत्री के रूप में कार्य कर रहे कर्मवीर को पदोन्नत कर झारखंड का संगठन महामंत्री बना दिया गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तत्काल प्रभाव से यह नियुक्तियां की हैं। भाजपा के अंदर हुए इस बदलाव को दो तरीके से देखा जा रहा है। तीनों महामंत्रियों की जिम्मेदारी बढ़ी है। तीनों पदोन्नत हुए हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के नजरिए से इसे योगी आदित्यनाथ सरकार से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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अगले साल तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों के चलते भाजपा ने यह कदम उठाया है। इसी साल हैदराबाद में बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन कर तेलंगाना को लेकर प्राथमिकता स्पष्ट कर दी थी। सुनील बंसल को 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी का सह इंचार्ज बनाया गया था। इस चुनाव में यूपी में बीजेपी गठबंधन ने 80 में से 73 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।

यूपी के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में निभाई अहम भूमिका

भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद सुनील बंसल को यूपी का संगठन मंत्री बनाया था। इसके बाद उन्होंने साल 2017-19 और 2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को शानदार जीत हासिल कराने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, साल 2022 में विधानसभा चुनाव के बाद से ही उन्हें केंद्र की राजनीति में भी शामिल करने की चर्चा चल रही थी। भाजपा तेलंगाना को जीतने के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ने चाहती है। इसके लिये उन्हें अच्‍छे रणनीतिकार की जरूरत है। 

पिछले दिनों इस तरह की अटकलें थीं कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और सुनील बंसल के बीच तालमेल का थोड़ा अभाव रहा है। ऐसे में बंसल का उत्तर प्रदेश छोड़ना परोक्ष रूप से योगी खेमे को भा सकता है। आने वाले दिनों में प्रदेश अध्यक्ष की भी नियुक्त होनी है। यह देखना रोचक होगा कि संगठन की कमान किसके हाथ जाती है। बंसल की जगह अब धर्मपाल उत्तर प्रदेश में संगठन महामंत्री होंगे जो प्रदेश को अच्छी तरह जानते समझते हैं। संगठन में अपनी दक्षता दिखा चुके सुनील बंसल का दिल्ली आना भी रोचक है।

खासतौर से जिस तरह उन्हें तत्काल बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना जैसे चुनौतीपूर्ण राज्यों का प्रभार दिया गया है। ये तीनों वे राज्य हैं जहां भाजपा अब तक सत्ता में नहीं आई है, लेकिन इसकी कवायद पूरी है।

तेलंगाना में लोकसभा चुनाव से पहले ही चुनाव होना है और ओडिशा में साथ-साथ। यानी बंसल के पास बहुत वक्त भी नहीं है। लेकिन उत्तर प्रदेश में हर समीकरण देख और परख चुके बंसल अगर यहां असर दिखा पाते हैं तो भविष्य में उनके लिए पूरा आकाश खुल सकता है। वैसे भी इस नियुक्ति के साथ ही बंसल का अब संघ से भाजपा में प्रवेश हो गया है।


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