भ्रष्टाचारियों के लिए पीएम मोदी 'भस्मासुर', जनता के लिए 'भगवान नारायण'; सीटी रवि का कांग्रेस पर पलटवार
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी देशद्रोहियों और भ्रष्टाचारियों के लिए भस्मासुर हैं जबकि आम जनता के लिए वे भगवान नारायण हैं। वे भ्रष्टाचारियों को भस्म करने के लिए ही सत्ता में हैं।
बेंगलुरु, एएनआइ। कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि (CT Ravi) ने शनिवार को कहा कि केवल भ्रष्ट और देश-विरोधी ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को 'भस्मासुर' के रूप में देखते हैं, लेकिन देश की जनता के लिए पीएम मोदी 'भगवान नारायण' हैं।
'भ्रष्टाचारियों को भस्म करने के लिए पीएम मोदी सत्ता में हैं'
भाजपा नेता ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, 'पीएम मोदी भ्रष्टाचारियों और देशद्रोहियों के खिलाफ हैं, इसलिए उनके लिए वह 'भस्मासुर' हैं, लेकिन देशवासियों के लिए, वह भगवान नारायण की तरह हैं। भ्रष्टाचारियों को 'भस्म' करने के लिए पीएम मोदी सत्ता में हैं।
कांग्रेस नेता ने पीएम को कहा 'भस्मासुर'
कांग्रेस के पूर्व सांसद वीएस उग्रप्पा ने शुक्रवार को पीएम मोदी को 'भस्मासुर' कहा था। इसके कुछ दिन पहले उनकी पार्टी के प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को 'रावण' बताया था। रवि ने यह भी कहा कि सिद्धारमैया जैसे नेता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को सांप्रदायिक कहते हैं।
'दाऊद इब्राहिम को धर्मनिरपेक्ष बताती है कांग्रेस'
रवि ने कहा, 'सिद्धारमैया जैसे नेता हिंदुत्व और मेरे जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को सांप्रदायिक और दाऊद इब्राहिम जैसे लोगों को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं। वे आरएसएस को सांप्रदायिक और सांप्रदायिक लोगों को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं। यह कांग्रेस की मानसिकता है।' उन्होंने कहा, 'कांग्रेस दाऊद इब्राहिम को सेक्युलर होने का सर्टिफिकेट दे सकती है।'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उग्रप्पा ने बताया 'शनि'
2020 में भी उग्रप्पा ने पीएम मोदी को 'भस्मासुर' और केंद्रीय मंत्री अमित शाह को 'शनि' कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा, 'अचानक अब भाजपा विज्ञापन संघ परिवार अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और गरीबी जैसे मूल मुद्दों को हल किए बिना केवल भावनात्मक मुद्दों को पेश करने की कोशिश कर रहा है। वे लोगों का ध्यान भटका रहे हैं। इसलिए अंततः यह समाज पर एक अभिशाप होगा।' और यही कारण है कि मैं उन्हें (शाह और मोदी) शनि और भस्मासुर कहता हूं।'
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'हम एक ही हैं'
रवि ने मराठा-कन्नडिगा मुद्दे के बारे में भी बात की और कहा, 'महाराष्ट्र और कर्नाटक में लोगों की संस्कृति बहुत अलग नहीं है। हम एक ही हैं। मराठों के बीच एक रिश्ता है। सभी संघर्षों को अलग रखा जाना चाहिए।'
लंबे समय से चल रहा कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद लंबे समय से चल रहा है, जो 1953 में शुरू हुआ था, जब महाराष्ट्र सरकार ने बेलगावी सहित 865 गांवों को शामिल करने पर आपत्ति जताई थी। 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के साथ अपनी सीमा के पुन: समायोजन की मांग की। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
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