भगवान राम के लिए भाजपा सांसद ने 'प्रधानमंत्री आवास योजना' के तहत की घर की मांग
राजभर का कहना है कि भगवान राम सालों से अयोध्या में एक टेंट में रह रहे हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलना चाहिए।
नई दिल्ली, एएनआइ। उत्तर प्रदेश के घोसी से भारतीय जनता पार्टी सांसद हरिनारायण राजभर ने अयोध्या के डीएम को पत्र लिखकर भगवान श्री राम के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर की मांग की है। राजभर का कहना है कि भगवान राम सालों से अयोध्या में एक टेंट में रह रहे हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलना चाहिए।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक से जुड़े मामले में चार जनवरी से सुनवाई शुरू होगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एसके कौल की पीठ सुनवाई करेगी। माना जा रहा है कि इसी दिन पीठ मामले में आगे की सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय पीठ के गठन का फैसला करेगी। सुप्रीम कोर्ट की यह तीन सदस्यीय पीठ इसी मामले में 2010 में आए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली 14 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ की भूमि को तीन पक्षकारों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बांटने का आदेश सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर, 2018 को मामले की सुनवाई जनवरी, 2019 के पहले हफ्ते में तय की थी।
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात समेत अन्य राज्यों के लिए तीन लाख 10 हजार 597 मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने गुरुवार को बयाबयाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी गरीब लोगों के लिए 3 लाख 10 हजार 597 किफायती मकानों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। यह मंजूरी केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की 41वीं बैठक में दी गई।
शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक करोड़ मकान बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार को अगले तीन साल में एक लाख करोड़ रुपये जुटाने होंगे। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
सरकार ने अपनी प्रमुख प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की शुरुआत 25 जून 2015 को की थी। इसके तहत 2022 तक सभी को सस्ते मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 26 नवंबर तक 63 लाख मकानों की मंजूरी दी गई। इसमें से सिर्फ 12 लाख मकान ही बन पाए हैं और 23 लाख का निर्माण चल रहा है।