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'चुनाव आते ही आतंकियों पर मेहरबान हो जाती है कांग्रेस', जयपुर धमाके के आरोपियों के बरी होने पर BJP ने कसा तंज

Amit Malviya on Jaipur Bomb blast भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों पर मेहरबानी का आरोप लगाया है। नेता ने कहा कि आरोपियों का बरी होना ये दर्शाता है कि इसमें सरकार की लापरवाही थी।

By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaPublished: Fri, 31 Mar 2023 11:20 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:20 AM (IST)
'चुनाव आते ही आतंकियों पर मेहरबान हो जाती है कांग्रेस', जयपुर धमाके के आरोपियों के बरी होने पर BJP ने कसा तंज
Amit Malviya on Jaipur Bomb blast अमित मालवीय।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Amit Malviya on Jaipur Bomb blast जयपुर में वर्ष 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के 4 आरोपियों को दो दिन पहले हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। फैसला देते हुए न्यायधीश ने सरकारी तंत्र पर कई सवाल भी उठाए।

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इन सब के बीच आज भाजपा ने कांग्रेस पर आरोपियों पर मेहरबानी का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा कि आरोपियों का बरी होना ये दर्शाता है कि इसमें गहलोत सरकार की लापरवाही थी।

अमित मालवीय ने ट्वीट कर घेरा

भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने पर एक ट्वीट किया है। मालवीय ने ट्वीट के जरिए राजस्थान सरकार को घेरते हुए कहा कि उनकी लापरवाही की वजह से ही धमाके के सारे आरोपी आतंकवादी बरी हो गये।

उन्होंने एक अखबार की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें साफ बताया गया है कि कैसे सरकार के वकील समय पर सुनवाई के लिए नहीं गए और आरोपी छूट गए।

कोर्ट ने जांच थ्योरी पर उठाए सवाल

राजस्थान हाई कोर्ट ने बीते दिनों अपने फैसले में एटीएस की जांच थ्योरी पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि एटीएस ने जो थ्योरी बताई है, वो समझ से परे है। इसमें कहा गया कि एटीएस को पहले 4 महीने में साइकिल से ब्लास्ट की बात पता चली, लेकिन 3 दिनों में ही साइकिल कहां से ली इसका पता चल गया।

कोर्ट ने कहा कि हमें बताया गया कि आतंकी एक ही दिन में साइकिल लेते हैं, बम लगाते हैं और उसी दिन भाग जाते हैं, ये कैसे हो सकता है।

धमाकों में गई थी 71 लोगों की जान

बता दें कि जयपुर में साल 2008 में कई जगहों पर सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए थे। इस बम धमाकों में 71 लोगों की जान चली गई थी। वहीं 176 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में एटीएस ने 13 लोगों को आरोपी बनाया था। वहीं, निचली अदालत ने 4 लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।


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