विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में जातिगत समीकरण साधने में जुटी भाजपा
भाजपा राजस्थान में एक उप मुख्यमंत्री और एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रहा है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। विधानसभा चुनाव निकट आते देख भाजपा राजस्थान में जातिगत समीकरण साधने के प्रयास में जुट गई है। परंपरागत वोट बैंक राजपूत, वैश्य और ब्राह्ममण समाज की सरकार से बढ़ती नाराजगी को कम करने के लिए पार्टी नेतृत्व राज्य में एक उप मुख्यमंत्री और एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रहा है।
-राजपूत, वैश्य और ब्राह्ममण समाज की नाराजगी
कम करने के लिए होगा प्रयास
-एक उप मुख्यमंत्री और एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर विचार
राज्य में भाजपा का कामकाज देखने वाले एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि जून से पार्टी नेतृत्व का पूरा ध्यान यहां होगा। केंद्रीय नेतृत्व यह तो मानता है कि वसुंधरा राजे के मुकाबले पार्टी में कोई लोकप्रिय नेता नहीं है, लेकिन आम लोगों की राज्य सरकार से बढ़ती नाराजगी, कार्यकर्ताओं की अनदेखी और ब्यूरोक्रेसी के बेलगाम होने के कारण स्थिति बहुत अनुकूल नहीं है।
पूर्व में संपन्न हुए दो लोकसभा व एक विधानसभा उप चुनावों में भाजपा की करारी हार चिंता का कारण है। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश में राजपूत समाज की मुख्यमंत्री से नाराजगी को लेकर अधिक ¨चतित है। भाजपा के 38 साल के इतिहास में राजपूत समाज अधिकतर समय भाजपा के साथ रहा है, लेकिन पिछले दो साल से यह समाज वसुंधरा राजे सरकार से नाराज चल रहा है। अजमेर और अलवर लोकसभा सीटों व मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में राजपूत समाज ने खुलकर भाजपा की खिलाफत की थी। इसी तरह ब्राह्मण और वैश्य समाज की नाराजगी भी ¨चता का कारण बनी हुई है।
ब्राह्मण समाज सत्ता एवं संगठन में कम प्रतिनिधित्व को लेकर नाराज है। ब्राह्मण समाज के नेताओं का कहना है कि ब्यूरोक्रेसी में भी ब्राह्ममण समाज के अफसरों को महत्वपूर्ण विभागों में नहीं लगाया गया है। वैश्य समाज जीएसटी और नोटबंदी के कारण पहले से ही नाराज चल रहा है। गुर्जर समाज ने 15 मई को महापंचायत कर आरक्षण आंदोलन की घोषणा कर दी है। इसके चलते ही केंद्रीय नेतृत्व शीघ्र ही राजस्थान में सत्ता और संगठन को लेकर बड़े फैसले कर सकता है।
राजस्थान का दिल्ली में प्रतिनिधित्व करने वाले एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उप मुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश संगठन में कार्यकारी अध्यक्ष व प्रदेश चुनाव अभियान समिति की घोषणा मई माह के अंत तक कर दी जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केंद्रीय नेतृत्व पहले ही केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम तय कर चुका है, लेकिन वसुंधरा राजे खेमा उन्हें अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं है।