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EXCLUSIVE: कड़े फैसले लेने के मामले में भाजपा ने फिर चौंकाया, किसी को नहीं थी 'सुपर प्लान' की जानकारी

हर बार की तरह भाजपा और मोदी सरकार ने पीडीपी से नाता तोड़ फिर से सबको चौंका तो दिया ही है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 06:36 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 11:04 PM (IST)
EXCLUSIVE: कड़े फैसले लेने के मामले में भाजपा ने फिर चौंकाया, किसी को नहीं थी 'सुपर प्लान' की जानकारी

नई दिल्ली [जेएनएन]। मौका चाहे कोई भी हो, परिणाम चाहे कुछ भी हो, कितने ही कड़े फैसले क्यों न लेने पड़ें लेकिन हर बार की तरह भाजपा और मोदी सरकार ने पीडीपी से नाता तोड़ फिर से सबको चौंका तो दिया ही है। पिछले कुछ दिनों में घाटी में लगातार बढ़ रही वारदात के बाद माना जा रहा था कि केंद्र कुछ बड़ा और साहसिक कदम उठा सकता है। अब सुरक्षा एजेंसियां दोहरी ताकत के साथ आतंकियों के सफाए में जुट जाएंगी।

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गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री को हाल ही में बताया कि किस तरह रमजान के महीने में ऑपरेशन बंद करने से घाटी के आम लोगों में सही संदेश गया है। इससे घाटी के लोगों को अहसास हुआ है कि सरकार सचमुच घाटी में शांति चाहती है। पिछले एक महीने में घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में आई कमी इसका सबूत है। यही नहीं पिछले हफ्ते घाटी के दौरे के दौरान लोगों में बेहद उत्साह भी देखने को मिला। लेकिन पाकिस्तान की शह पर चंद लोग घाटी में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। ईद से ऐन पहले पत्रकार और सैनिक की हत्या कर दहशतगर्दी फैलाने के आतंकियों के प्रयास ने सरकार को और भी सख्त कर दिया है।

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ऐसा लगना शुरू भी हो गया था कि मोदी सरकार जम्‍मू-कश्‍मीर पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इसी मुद्दे को लेकर भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं को महत्‍वपूर्ण बैठक के लिए आज नई दिल्ली बुलाया था।

रोचक यह है कि पार्टी के शीर्ष कमान की ओर से किए गए फैसले से पहले राज्य में उनके मंत्रियों को भी इस फैसले की भनक तक नहीं थी। इस बैठक से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान शाह और डोभाल के बीच जम्‍मू-कश्‍मीर के मौजूदा हालात तथा अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका को लेकर बातचीत हुई।

आज के इस बड़े एलान से पहले राज्य के सभी बड़े बीजेपी नेताओं की ओर से यह कहा जा रहा था कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है और हमारा गठबंधन बना रहेगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना का कहना था कि यह बैठक 2019 के लोकसभा चुनाव के सिलसिले में बुलाई गई है और आगामी आम चुनाव को लेकर बैठक में चर्चा होगी। ऐसे में कुछ ही घंटे में जम्मू कश्मीर के प्रभारी राम माधव की तरफ से जब प्रेस वार्ता में यह बताया गया कि पार्टी गठबंधन से अलग हो रही है तो यह सभी के लिए चौंकाने वाला था। 


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