Move to Jagran APP

कृषि मंत्री ने कसा तंज, राहुल गांधी को कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती, देश का तो सवाल ही नहीं

भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मैंने एक बार भी नहीं सुना कि कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों से मिले और दो करोड़ किसानों से मिल लिये हस्ताक्षर ले आए? कांग्रेस का पिछले दिनों दो लाख लोगों से भी संपर्क नहीं हुआ है फिर भी दो करोड़ का आंकड़ा दे दिया।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 03:32 PM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 05:51 PM (IST)
भाजपा ने किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला बोला

नई दिल्ली, एएनआइ। भाजपा ने किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला बोला है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तंज कसा कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती, देश का तो सवाल ही नहीं उठता। आज जब वे राष्ट्रपति को विरोध व्यक्त करने गए तब कांग्रेस से कोई भी नेता किसानों से हस्ताक्षर करवाने नहीं आया और न किसानों ने हस्ताक्षर किए। अगर राहुल गांधी इतने चिंतित होते, तो किसानों के लिए कुछ कर सकते थे, जब उनकी सरकार सत्ता में थी। कांग्रेस का चरित्र हमेशा से किसान विरोधी रहा है। 

loksabha election banner

भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मैंने एक बार भी नहीं सुना कि कांग्रेस के कार्यकर्ता किसानों से मिले और दो करोड़ किसानों से मिल लिये, हस्ताक्षर ले आए? कांग्रेस का पिछले दिनों दो लाख लोगों से भी संपर्क नहीं हुआ है, फिर भी दो करोड़ का आंकड़ा दे दिया। 

ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी ने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की। उन्हें दो करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपा। राहुल गांधी ने सरकार से संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर नए कानूनों को वापस लेने की बात कही। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और आनंद शर्मा  समेत 64 कांग्रेसी नेताओं को गुरुवार सुबह दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया। सभी को कुछ घंटे तक मंदिर मार्ग थाने में रखकर बाद में छोड़ दिया गया। 

उधर, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राहुल जी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाह रहें। उन्होंने स्वयं अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर हम सत्ता में आए तो ये 3 बिल ले आएंगे और किसान को आज़ादी दिलाने के लिए APMC एक्ट से मुक्त करेंगे। वे किसान के कंधे पर बंदूक रखकर अपना निशाना साधना चाह रहे हैं।

किसान संगठन केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 29 दिन से दिल्ली सीमा पर धरने पर बैठे हैं। इसमें ज्यादातर पंजाब के किसान हैं।  पिछले महीने 26 नवंबर से ही उनका प्रदर्शन जारी है। अपनी जिद पर अड़े किसान संगठन कृषि कानूनों की वापसी से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं। वे सरकार के साथ बातचीत के लिए को तैयार नहीं हैं। उनके अड़ियल रुख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बुधवार को भी किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं दिया। किसान संगठन कृषि कानूनों को रद करने और एमएसपी की गारंटी देने की मांग से नीचे आने को तैयार नहीं हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.