बिप्लब देब बने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री, PM बोले- विपक्ष के पास लंबा अनुभव, हमारी टीम नई
अगरतला के असम राइफल्स ग्राउंड में बिप्लब देव ने आज त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस मौके पर पीएम मोदी बोले- त्रिपुरा का चुनाव लंबे वक्त तक याद रहेगा।
अगरतला (प्रेट्र)। त्रिपुरा में 25 साल के वामदल के शासन को खत्म कर भाजपा की नई सरकार ने शपथग्रहण किया। अगरतला के असम राइफल्स ग्राउंड में बिप्लब देव ने आज त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके अलावा जिष्णु देव वर्मा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसी के साथ त्रिपुरा में पहली बार भाजपा की सरकार बन गई है।
वहीं, रतनलाल नाथ, सुदीप राय बर्मन, सांत्वना चकमा समेत पूरे 9 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे।
पीएम ने कहा
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्थानीय भाषा में अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा का चुनाव लंबे वक्त तक सबको याद रहेगा। त्रिपुरा के लोगों ने इतिहास रचा है। विकास की नई उमंग और उत्साह पैदा हुआ है। पीएम ने कहा त्रिपुरा के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। त्रिपुरा में विपक्ष के पास लंबा अनुभव है, लेकिन हमारी टीम नई है। आज त्रिपुरा में फिर से दिवाली आई है। पीएम ने इस मौके पर चुने गए सभी प्रतिनिधियों को शुभकामनाएं भी दी। पीएम ने कहा, 'सबका साथ सबका विकास हमारा मंत्र है। त्रिपुरा की हर समस्या का समाधान निकालेंगे।'
पीएम ने कहा कि जनता तो जनार्दन होती है और त्रिपुरा की यह सरकार सबके लिए है। जिसने वोट नहीं दिया, यह उसकी भी सरकार है। इस बीच उन्होंने यह भी कहा कि देशवासियों के बीच नॉर्थ ईस्ट के लोगों के प्रति लगाव बढ़ा है।
अमित शाह ने कहा
शपथग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि त्रिपुरा में विकास का रास्ता खुला है। नॉर्थ ईस्ट के लिए बजट में बढ़ोतरी की गई है। त्रिपुरा को हम मॉडल स्टेट बनाएंगे। मोदी जी के नेतृत्व में पूरे त्रिपुरा का विकास होगा।
शपथ समारोह में आडवानी, जोशी शामिल हुए
शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अाडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, त्रिपुरा के पूर्व सीएम माणिक सरकार उपस्थित रहे।
पूर्वोत्तर के इस राज्य में यह पहली भाजपा सरकार होगी। 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा और आइपीएफटी को 43 सीटों पर सफलता मिली है। इस राज्य में 25 वर्षों से माकपा नीत वाम मोर्चा की सरकार थी।
48 वर्षीय देब ने 6 मार्च को राज्यपाल तथागत राय के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। विधानसभा चुनाव में भाजपा और आइपीएफटी को क्रमश: 35 और आठ सीटों पर सफलता मिली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लंबे समय से जुड़े रहे देब ने भाजपा की सफलता दिलाई है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने छह मार्च को कहा था कि जे. देबबर्मा उपमुख्यमंत्री होंगे। चरिलाम एसटी सुरक्षित क्षेत्र का चुनाव स्थगित हो जाने से देबबर्मा अभी तक विधायक नहीं चुने जा सके हैं। इस क्षेत्र से माकपा प्रत्याशी का निधन हो जाने के कारण चुनाव टाल दिया गया है और 12 मार्च को यहां चुनाव कराया जाएगा।
आइपीएफटी के अध्यक्ष एनसी देबबर्मा ने कहा कि नए मंत्रिमंडल में पार्टी के दो मंत्री होंगे। भाजपा और पूर्वोत्तर डेमोक्रेटिक अलायंस के अध्यक्ष हिमंत बिस्व शर्मा के साथ बैठक में इस बात का फैसला लिया गया।
जानिए कौन है बिप्लब देव?
- 48 वर्षीय बिप्लब कुमार देव त्रिपुरा भाजपा अध्यक्ष हैं, उन्होंने पहली बार 2018 में चुनाव लड़ा है
- बिप्लब का जन्म 25 नवंबर, 1969 को त्रिपुरा के गोमती जिले के राजधर नगर गांव में हुआ
- बिप्लब देब ने त्रिपुरा के उदयपुर कॉलेज से 1999 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की
- इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए
- शुरुआत से ही बिप्लब का नाता जनसंघ से रहा है, उनके पिता हराधन देब जनसंघ के स्थानीय नेता थे
- दिल्ली में पढ़ाई के दौरान वे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े और करीब 16 साल तक वे संघ के कार्यकर्ता बने रहे
- उन्होंने संघ के दिग्गज नेताओं गोविंद आचार्य और कृष्णगोपाल शर्मा के संरक्षण में काम किया
- बिप्लब देब की पत्नी नीति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी हैं, उनके दो दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी है
- साफ-सुथरी छवि वाले बिप्लब को पीएम मोदी के कहने पर त्रिपुरा भेजा
- उन्हें त्रिपुरा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत का किंगमेकर कहा जा रहा है
गौरतलब है कि बिप्लब देव की कड़ी मेहनत की वजह से त्रिपुरा में 25 साल पुराना वामदल का 'लाल किला' जमीदोज हो गया। पिछले चुनाव में जहां भाजपा केवल डेढ़ फीसद शेयर वाली पार्टी थी, उसने इस चुनाव में लगभग तीन चौथाई बहुमत हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। त्रिपुरा में भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आइपीएफटी) गठबंधन को 59 सीटों में से 43 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा की झोली में 35 सीटें आईं, जबकि आईपीएफटी 8 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही।