Exclusive Interview: त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब बोले, वाम शासन से मुक्ति मिली तो बेरोजगारी भी हो गई फुर्र
2018 में त्रिपुरा में मिली जीत के खास मायने थे क्योंकि पार्टी ने यहां वाम विचारधारा के गढ़ को ध्वस्त किया था। नेतृत्व मिला युवा नेता बिप्लव कुमार देब को। शुक्रवार को त्रिपुरा के स्थापना दिवस से पहले उन्होंने दैनिक जागरण से बात की। पेश है एक अंश-
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। पूर्वोत्तर में यूं तो असम फतह ने भाजपा का कद और प्रवाह तेज कर दिया था लेकिन 2018 में त्रिपुरा में मिली जीत के खास मायने थे, क्योंकि पार्टी ने यहां वाम विचारधारा के गढ़ को ध्वस्त किया था। नेतृत्व मिला युवा नेता बिप्लव कुमार देब को। शुक्रवार को त्रिपुरा के स्थापना दिवस से पहले उन्होंने दैनिक जागरण से बात की। पेश है एक अंश-
प्रश्न.- बदलाव के नारे के साथ त्रिपुरा में भाजपा ने साढ़े तीन दशक पुरानी वाम सरकार को हटाया था। आपके लगभग चार साल हो गए हैं, ऐसी कौन सी उपलब्धि है जिसे आप बदलाव मानते हैं।
उत्तर.- बताने को तो बहुत कुछ है, हमने तो त्रिपुरा की सोच बदली है। रोजगार मांगने वाला युवा अब दूसरों को रोजगार प्रदान कर रहा है। वाम शासन में बेरोजगारी के मामले में त्रिपुरा का स्थान पूरे देश में पहला या दूसरा हुआ करता था। मगर हमारी सरकार के प्रयासों से त्रिपुरा में बेरोजगारी की दर 5 प्रतिशत से नीचे आ गई है। हमारी कोशिश है कि स्वनिर्भर महिला के मामले में त्रिपुरा देश का अग्रणी राज्य बने। हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं जिससे कि 25 वर्ष से उपर की हर महिला को कुछ न कुछ कार्य या रोजगार मिले। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के स्वनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए हमने प्रयास शुरू किए हैं। राज्य में 11000 करोड़ रू. से ज्यादा के राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्य चल रहे हैं अथवा पाईपलाइन में हैं। त्रिपुरा में एसईजेड का नाम पहले कोई जानता नहीं था लेकिन अब यह हकीकत हो रहा है। लैंड लाक राज्य की पहचान रखने वाला त्रिपुरा आज देश के बड़े शहरों और पडोसी देशों के साथ सड़क, रेल, हवाई और जलमार्ग के साथ सीधे जुड़ गया है। यह सब प्रधानमंत्री जी के त्रिपुरा वासियों के प्रति विशेष स्नेह और लगाव से संभव हुआ है। त्रिपुरा सही मायने में हीरा माडल पर खरा उतरा है।
प्रश्न.- हीरा माडल का क्या अर्थ है?
उत्तर- माननीय प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में त्रिपुरावासियों से राज्य को हीरा बनाने का वादा किया था। कोरोना संकटों के बावजूद आज हमारा राज्य हीरा प्लस हो गया है। हाईवे, आईटी, रेलवे और हवाई यातायात के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। त्रिपुरा बांग्लादेश के द्वारा नदी मार्ग से उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक नदी मार्ग से यातायात का मार्ग प्रशस्त हुआ है। चंद दिनों पहले ही माननीय प्रधानमंत्री जी ने त्रिपुरा को पूर्वोत्तर का सबसे सुंदर हवाई अडडा प्रदान किया है।
प्रश्न. - प्रदेश भाजपा और सरकार में ऐसे कई लोग हैं जो दूसरे दलों से आए हैं। तृणमूल और कांग्रेस से आए नेता। क्या इसलिए टकराव की स्थिति अक्सर बनने लगी है?
उत्तर- टकराव जैसी कोई स्थिति नहीं है। त्रिपुरा की जनता ने राज्य को वाम कुशासन से मुक्ति दिलाते हुए भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन को जनादेश दिया और केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री के दायित्व के लिए मुझ में विश्वास जताया। मैं राज्य के जनता की सेवा करते हुए अपने केंद्रीय नेतृत्व के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश कर रहा हूं।
प्रश्न. - तृणमूल और वाम में फिलहाल आपके लिए प्रदेश में कौन ज्यादा बड़ी चुनौती है?
उत्तर- अंक गणित के लिहाज से तो वाम ही विपक्षी दल है। विकास को नजरअंदाज करने वाले कुछ और दल भी हैं। लेकिन मैं सही कहूं तो चुनौती कोई दल नही है। मैं अपनी चुनौती सिर्फ यह मानता हूं को हर त्रिपुरा वासी के जीवन में सुधार ला सकूं। ग्राम सभा अथवा लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम हो या हाल में संपन्न नगर निकायों के चुनाव परिणाम, जनता ने अपने इरादे बता दिए हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद संपन्न हुए हर चुनावों में जनता ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को अपना आर्शीवाद दिया है। इसलिए किसी के चुनौती का सवाल नहीं त्रिपुरा की जनता मोदी जी को बेहद प्यार करती है और उन्हें सम्मान देती है।