Bihar Politics: कैलाश विजयवर्गी के 'बॅायफ्रेंड' वाले बयान पर जेडीयू नेता ललन सिंह ने किया पलटवार, कहा- वो हैं असंवेदनशील नेता
कुछ दिनों पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गी ने बिहार के मुख्यमंत्री पर अजीबोगरीब बयान दिया था। इस बयान का जवाब देते हुए जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कैलाश विजयवर्गी को एक असंवेदनशील नेता बताया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। बिहार में सत्ता का इंजन वही रहा लेकिन बोगियां बदल गई। नीतीश कुमार और उनके नेतृत्व वाली महागठबंधन की नई-नवेली सरकार के खिलाफ भाजपा नेताओं ने अलग-अलग बयानों के जरिए हमला करना शुरू कर दिया है। हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गी (Kailash Vijayvargiya) ने बिहार के मुख्यमंत्री पर अजीबोगरीब बयान दिया था। इस बयान का जवाब देते हुए जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कैलाश विजयवर्गी को एक असंवेदनशील नेता' बताया, जो हमेशा विदेश दौरे पर रहते हैं।
ललन सिंह ने कहा, 'विजयवर्गीय जी पर कोई टिप्पणी करना बेकार है।' ललन सिंह ने आगे कहा कि कुछ दिन पहले 'अग्निवीर' योजना पर आक्रोश जाहिर कर रहे देश के बेरोजगार युवाओं के मामले पर उन्होंने कहा था, 'अग्निवीर योजना' (Agniveer) के तहत रिटायर्ड सैनिक, भाजपा कार्यालय में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर सकते हैं।
कैलाश विजयवर्गी को बनाएं बिहार भाजपा का प्रभारी: जेडीयू अध्यक्ष
समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत करते हुए जेडीयू अध्यक्ष ने कहा, 'उस व्यक्ति को क्या जवाब दिया जा सकता है, जिन्होंने देश के युवाओं और बेरोजगारी के प्रति इतना असंवेदनशील बयान दिया है। ललन सिंह (Lalan Singh) ने कहा, 'वह ज्यादातर समय विदेश दौरों पर रहते हैं। वो विधानसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल का प्रभारी नियुक्त किए गए थे, हम सभी जानते हैं कि पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार के दौरान क्या हुआ।' जेडीयू नेता ने कहा, 'कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा राज्य प्रभारी बनाए, तब उन्हें साल 2024 के आम चुनावों और साल 2025 बिहार विधानसभा चुनावों में बिहार के अंदर भाजपा की संभावनाओं के बारे में जमीनी हकीकत का एहसास होगा।'
'गठबंधन धर्म' का पालन नहीं कर रही भाजपा: ललन सिंह
बता दें कि कैलाश विजयवर्गी ने कुछ दिनों पहले कहा था, 'जिस दिन बिहार की सरकार बदली मैं विदेश में था, तब एक व्यक्ति ने बोला कि ये तो हमारे यहां होता है, अमेरिका की लड़कियां बॅायफ्रेंड बदल लेती है। बिहार के मुख्यमंत्री की भी यही स्थिति है। वे कब किसका हाथ मिला ले, कब किसका हाथ छोड़ दें।' बिहार के लोकसभा सांसद सिंह ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार 1996 से 2013 तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में थे और इन 17 सालों में कोई समस्या नहीं थी, लेकिन भाजपा का नया नेतृत्व 'गठबंधन धर्म' का पालन नहीं कर रहे और न ही अपने गठबंधन सहयोगियों को सम्मान देना जानते हैं।