Move to Jagran APP

चीन को दिया गया सबसे कड़ा संदेश, भारत और अमेरिका समेत घेरेबंदी के लिए साथ आए सात देश

पोम्पिओ के आग्रह पर बुलाई गई विमर्श को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से चीन पर लगातार निशाना साधने की रणनीति के अगले चरण के तौर पर देखा जा रहा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 06:56 AM (IST)
चीन को दिया गया सबसे कड़ा संदेश, भारत और अमेरिका समेत घेरेबंदी के लिए साथ आए सात देश
चीन को दिया गया सबसे कड़ा संदेश, भारत और अमेरिका समेत घेरेबंदी के लिए साथ आए सात देश

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। कोविड-19 ने सिर्फ तीन महीने में दुनिया के हेल्थ व इकोनॉमिक सिस्टम की जड़ें हिला दी हैं। अब यह साफ हो गया है कि इस महामारी का दुनिया के कूटनीतिक माहौल पर भी बहुत बड़ा असर होने वाला है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ ने एक साथ भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, इजरायल और ब्राजील के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक कर चीन को अभी तक का सबसे बड़ा संदेश दिया है। बैठक में जहां कोविड-19 को लेकर ज्यादा पारदर्शिता बरतने का मुद्दा उठा। पोम्पिओ के आग्रह पर बुलाई गई विमर्श को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से चीन पर लगातार निशाना साधने की रणनीति के अगले चरण के तौर पर देखा जा रहा है।

loksabha election banner

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक सेक्रेटरी पोम्पिओ ने उक्त छह देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक में ''कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग, पारदर्शिता और जिम्मेदारी तय करने के मुद्दे पर चर्चा हुई है। इनके बीच भविष्य में होने वाले स्वास्थ्य संबंधी संकट और कानून सम्मत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम करने के विषय पर भी चर्चा हुई है।'' कहने की जरुरत नहीं कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय का उक्त बयान पूरी तरह से चीन को निशाना बनाने वाला है। अमेरिका लगातार चीन पर यह आरोप लगा रहा है कि वह कोविड-19 को लेकर पारदर्शिता से काम नहीं किया और समय पर दुनिया को इस महामारी के बारे में सूचना नहीं दी। अमेरिका के अलावा जापान के विदेश मंत्री मोतेगी तोशीमित्सु और आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री सुश्री मेरिस पेयने ने भी कोविड-19 को लेकर पारदर्शी व्यवहार करने की बात कही है।

कोविड-19 से भी ज्यादा रहा बैठक का दायरा

ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका ने कुछ प्रमुख देशों को एक साथ कोविड-19 पर विचार विमर्श करने को एकत्रित किया है। लेकिन इस बैठक का दायरा कोविड-19 से भी ज्यादा व्यापक रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय का बयान साफ तौर पर संकेत देता है कि इसमें साउथ चाईना सी का मुद्दा भी उठा है। चीन के अतिक्रमण को लेकर अमेरिका हमेशा यह कहता रहा है कि वहां कानून सम्मत व्यवस्था होनी चाहिए। भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया भी साउथ चाईना सी में अमेरिका के रुख से सहमति रखते हैं। अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और भारत के बीच एक नये सहयोग को लेकर बातचीत का ढांचा भी तैयार कर लिया गया है।

कोविड-19 के खत्म होने पर दिया जाए पूरा ध्यान

भारत अभी तक इस बारे में खुल कर अपने पत्ते नहीं खेल रहा। भारत की रणनीति फिलहाल अपने पड़ोसी देश चीन को लेकर इस बारे में कोई तल्खी दिखाने से बच रहा है। भारत का आधिकारिक मत यह है कि अभी कोविड-19 के खात्मे पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। किसी देश ने क्या भूमिका निभाई है इस पर बाद में बात की जा सकती है। वैसे भारत ने अपनी एफडीआइ नीति में बदलाव कर चीन की कंपनियों को निशाना बनाया है, चीन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया भी जताई है। दोनो देशों की सेनाओं के बीच भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कुछ झड़पों की बाते सामने आई है। इसके बावजूद भारत कोविड-19 के मुद्दे पर अभी चीन के सामने खड़ा होना नहीं चाहता है। मंगलवार को भी पांच देशों के विदेश मंत्रियों के साथ विमर्श के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि कोविड वायरस की चुनौतियों पर एक विस्तृत वर्चुअल मीटिंग हुई। इस महामारी से निपटने के अलावा आर्थिक चुनौतियों का सामना करने और यात्रा नियमों के बारे में भी चर्चा हुई है। आगे भी ऐसी चर्चा होती रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.