मोदी सरकार का बड़ा कदम, कोख के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में लोक सभा में बिल पेश
सरोगेट मां की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए और उसका पहले से अपना एक बच्चा होना चाहिए। सरोगेट मां को सिर्फ एक बार ही सरोगेसी की अनुमति होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किराये पर कोख यानी कमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए सरकार ने 'द सरोगेसी (रेग्युलेशन) बिल, 2019' सोमवार को लोक सभा में पेश किया गया। इस विधेयक में कमर्शियल सरोगेसी को गैर-कानूनी ठहराया गया है और इसका उल्लंघन करने पर 10 साल के कारावास और 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
सरकार को यह विधेयक लाने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि हाल के वर्षो में भारत सरोगेसी हब के तौर पर उभरा है जिसके चलते सरोगेट माताओं के शोषण की खबरें आ रही हैं। इस विषय पर कानून का अभाव होने के चलते सरोगेसी का अंधाधुंध व्यवसायीकरण हुआ है और सरोगेसी क्लीनिक सरोगेसी का दुरुपयोग कर रहे हैं। विधि आयोग ने भी अपनी 228वीं रिपोर्ट में एक कानून बनाकर कमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाने की सिफारिश कर चुका है।
स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने 'द सरोगेसी (रेग्युलेशन) बिल, 2019' लोक सभा में पेश किया। अगर कोई चिकित्सक या क्लिनिक कानून का उल्लंघन कर सरोगेसी का व्यवसायिक इस्तेमाल करता है तो उसे पहली बार यह अपराध करने पर पांच साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माना हो सकता है। अगर वह दुबारा यह अपराध करता है तो कारावास की अवधि बढ़कर दस साल और जुर्माने की राशि दस लाख रुपये हो सकती है।
इस विधेयक के कानून का रूप लेने पर सिर्फ उन भारतीय दंपत्ति को ही सरोगेसी से संतान प्राप्त करने की अनुमति होगी जो संतान उत्पन्न करने में अक्षम हैं। ऐसे दंपत्ति अगर सरोगेसी के माध्यम से संतान प्राप्त करना चाहते हैं तो उनकी निकटवर्ती रिश्तेदार महिला ही सरोगेट मां बन सकेगी।
सरोगेट मां की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए और उसका पहले से अपना एक बच्चा होना चाहिए। सरोगेट मां को सिर्फ एक बार ही सरोगेसी की अनुमति होगी। प्रस्तावित कानून के तहत सरोगेसी क्लिनिक का पंजीकरण अनिवार्य होगा और कोई भी व्यक्ति या क्लिनिक सरोगेसी का व्यवसायिक इस्तेमाल या प्रचार नहीं कर पायेगा।
'द सरोगेसी (रेग्युलेशन) बिल, 2019' की मुख्य बातें:
1. राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर सरोगेसी बोर्ड के गठन का प्रस्ताव
2. सरोगेट मां संतान चाहने वाले दंपति की नजदीकी रिश्तेदार होनी चाहिए
3. सरोगेट मां 25 से 35 वर्ष की उम्र की होनी चाहिए और उसका अपना एक बच्चा होना चाहिए
4. सिर्फ एक बार ही सरोगेट मां बन सकेगी कोई महिला
5. सरोगेसी कारोबार करने पर दस साल कारावास और दस लाख रुपये का जुर्माना।