महाराष्ट्र में किसानों को बड़ी राहत, सरकार ने दो लाख रुपये तक कृषि ऋण माफी की घोषणा की
महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा में 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफी की घोषणा की है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार ने किसानों को दो लाख तक की संपूर्ण कर्ज माफी देने की घोषणा की है। यह कर्ज माफी मार्च माह से दी जाएगी।
राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद से ही किसान कर्ज माफी की घोषणा का इंतजार कर रहे थे। क्योंकि चुनाव परिणाम आने के बाद से सरकार बनने तक सभी दल सिर्फ किसानों की ही चिंता करते दिखाई दे रहे थे। आज राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए दो लाख रुपए तक संपूर्ण कर्ज माफी की घोषणा की। उनके अनुसार 30 सितंबर, 2019 तक के सभी कर्ज महात्मा फुले कर्जमाफी योजना के तहत माफ किए जाएंगे।
कर्जमाफी की तैयारी में दो माह का लगेगा समय
उद्धव के अनुसार करीब दो माह का समय इस कर्जमाफी की तैयारियों में लगेगा। इसलिए कर्जमाफी का लाभ किसानों को मार्च महीने से मिलना शुरू हो जाएगा। इस योजना में सीधे किसानों के खाते में कर्जमाफी की रकम भेजी जाएगी। इसके लिए किसानों को किसी बैंक या सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
लेकिन सरकार की इस घोषणा से विरोधी दल भाजपा संतुष्ट नहीं है। अब नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह कहते हुए अपने सभी विधायकों के सदन का बहिष्कार किया कि चुनाव के दरम्यान शिवसेना ने किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी कर उनकी खेती के कागजात उन्हें सौंपने का वायदा किया था। लेकिन अब सरकार सिर्फ दो लाख तक कर्ज माफी की बात कर रही है।
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली पिछली सरकार ने भी किसानों के लिए 34,022 करोड़ की कर्जमाफी योजना शुरू की थी। इसके लिए करीब 80 लाख किसानों ने आवेदन किया था। लेकिन उचित लाभार्थियों की पहचान में ही सरकार को काफी समय लग गया था। जिसके कारण कर्जमाफी की घोषणा के 18 महीनों बाद भी सरकार इस मद में निर्धारित राशि का आधा भी खर्च नहीं कर पाई थी।
मंडल स्तर पर स्थापित किए जाएंगे मुख्यमंत्री कार्यालय
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि पूरे राज्य में मंडल स्तर पर मुख्यमंत्री कार्यालय स्थापित किए जाएंगे, जिससे लोगों को सरकारी काम के लिए मुंबई नहीं आना पड़ेगा। ठाकरे ने विधानसभा में कहा कि मंडल स्तर के मुख्यमंत्री कार्यालयों को मुख्य कार्यालय से जोड़ा जाएगा। इसे उन्होंने अपनी सरकार के विकेंद्रीकरण के प्रयास का एक हिस्सा बताया। उन्होंने शिव भोजन योजना का भी एलान किया। इसके तहत गरीबों को 10 रुपये में खाना मिलेगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राज्य में 50 जगहों पर इसे शुरू किया जाएगा।