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मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, 'नीली क्रांति' के लिए 20 हजार करोड़ की मंजूरी

वर्ष 2024 तक मछली पालन से जुडे़ किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। मछली पालन क्षेत्र को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 07:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 07:20 PM (IST)
मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, 'नीली क्रांति' के लिए 20 हजार करोड़ की मंजूरी
मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, 'नीली क्रांति' के लिए 20 हजार करोड़ की मंजूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नीली क्रांति को सफल बनाने के लिए सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की योजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश के लाखों मछुआरों की आमदनी को अगले पांच सालों में दोगुना करने की योजना को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में समुद्री मछुआरों के साथ अंतरराज्यीय मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा।

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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को कैबिनेट ने दी हरी झंडी, बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने पर जोर

नीली क्रांति में मत्स्य पालन के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार के साथ राज्यों की भागीदारी भी होगी, ताकि योजना को समन्वित तरीके से चलाया जा सके।

 20050 करोड़ की अनुमानित लागत वाली योजना को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत

कैबिनेट की बैठक में कुल 20050 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली योजना को स्वीकृत कर लिया गया। वैसे तो इस योजना का प्रस्ताव चालू वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में ही कर दिया गया था, लेकिन इसी बीच कोरोना महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन ने विकास की गाड़ी ही रोक दी, जिसके बाद इसे तत्काल लागू करना जरूरी हो गया। योजना में केंद्र की हिस्सेदारी 9407 करोड़, राज्यों की हिस्सेदारी 4880 करोड़ और लाभार्थियों की हिस्सेदारी 5763 करोड़ तय की गई है। योजना को चालू साल से लेकर वर्ष 2024-25 की अवधि में लागू किया जाएगा।

केंद्रीय परियोजना के लिए 100 फीसद वित्तीय जरुरतें केंद्र पूरी करेगा

केंद्रीय परियोजना के लिए 100 फीसद वित्तीय जरुरतें केंद्र पूरी करेगा। इसमें लाभार्थी वर्ग से जुड़ी गतिविधियों को चलाने का दायित्व पूरी तरह से राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड व केंद्र सरकार निभाएगी। इसमें सामान्य लाभार्थियों वाली परियोजना का 40 फीसद और अनुसूचित जाति और जनजाति व महिलाओं से जुड़ी परियोजना का 60 फीसद वित्त पोषण केंद्र सरकार करेगी। अन्य मामलों में केंद्र व राज्यों की हिस्सेदारी क्त्रमश 60 और 40 फीसद होगी। केंद्र शासित राज्यों की पूरी जिम्मेदारी केंद्र की होगी।

मछली पालन के लिए बेहतर जलीय प्रबंधन को बढावा मिलेगा

मत्स्य पालन क्षेत्र में 9 फीसद की वार्षिक वृद्धि दर है, जिससे वर्ष 2024-25 तक यह क्षेत्र 2.2 करोड़ टन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। मत्स्य पालन के लिए गुणवत्ता युक्त बीज हासिल करने तथा मछली पालन के लिए बेहतर जलीय प्रबंधन को बढावा मिलेगा।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन से रोजगार और आय के बेहतर अवसर बनेंगे 

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन से सीधे या परोक्ष रूप से जुडे हुए सभी लोगों के लिए रोजगार और आय के बेहतर अवसर बनेंगे। मछली पालन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी जिससे मछली उत्पाद बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।

मछली पालन से जुडे़ किसानों की आय दोगुनी करने में मिलेगी मदद

वर्ष 2024 तक मछली पालन से जुडे़ किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। मछली पालन क्षेत्र और इससे जुडे़ किसानों और श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। 


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