भय्यू महाराज का राज्यमंत्री का पद स्वीकारने से इनकार
नर्मदा की सेवा सामान्य व्यक्ति की तरह करूंगा, जानकारी मिलने के बाद पहले दिन से नहीं किया पद का उपयोग या उपभोग
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा देने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच आध्यात्मिक संत भय्यू महाराज ने भी बातों-बातों में इस पद को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
उनका कहना है नर्मदा हमारी आस्था, श्रद्धा और संस्कार का प्रतीक है। नर्मदा की सेवा समाज की सेवा है। 'नईदुनिया' से बातचीत में उन्होंने कहा जबसे उन्हें राज्यमंत्री का पद देने की सूचना मिली तब से उन्होंने इस पद का उपयोग न उपभोग किया।
उन्होंने कहा मैंने मानवता की सेवा का संकल्प लिया है। उससे ब़़डा कोई पद नहीं है। जो पद मन, बुद्धि को स्पर्श न करे उसका कोई अर्थ नहीं है। धार्मिक गुरओं को पद दिए जाने के पीछे लोगों के अलग-अलग विचार हैं।
मेरा मत है कि मुझे यह सम्मान देने के पीछे सरकार की मंशा मेरे समाजसेवा के कार्य को सम्मान देने की रही होगी। भय्यू महाराज के निजी सहायक संजय यादव ने भी स्पष्ट किया कि भय्यू महाराज ने राज्यमंत्री का पद स्वीकारने से इनकार कर दिया है।