Bengal Teacher Recruitment Scam: तृणमूल कांग्रेस ने कहा- पार्टी के लिए कैंसर थे पार्थ चटर्जी इसलिए हटाना पड़ा
Bengal Teacher Recruitment Scam मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कैबिनेट में नंबर दो माने जाने वाले और लगातार 11 वर्षों तक मंत्री रहे पार्थ चटर्जी पर टीएमसी के नेता हमलावर है। टीएमसी का कहना है कि पार्थ चटर्जी पार्टी के लिए नासूर बन गए थे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कैबिनेट में नंबर दो माने जाने वाले और लगातार 11 वर्षों तक मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को कभी तृणमूल नेता पार्टी के लिए शर्मिंदगी तो अब कैंसर करार दे रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता और न्यू बैरकपुर नगरपालिका के चेयरमैन प्रबीर साहा ने कहा कि बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पार्टी के लिए कैंसर की तरह थे और वे भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल थे, इसलिए उन्हें हटाना पड़ा।
साहा ने कहा कि जब भी कैंसर होता है, तो इसे शरीर से निकाल दिया जाता है, इसी तरह पार्थ को भी निकाल दिया गया। साहा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कही। बता दें कि पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस सरकार में 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री थे। पार्थ को प्रवर्तन निदेशालय ने जुलाई में बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी संलिप्तता पाए जाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इस दौरान जांच एजेंसी ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से 55 करोड़ रुपये से अधिक नकद और सोना की बरामदगी की। जांच एजेंसी ने अर्पिता को भी गिरफ्तार किया है। पार्थ की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने उन्हें सभी पदों से हटा दिया और उन्हें पार्टी से भी निलंबित कर दिया है।
इससे पहले तृणमूल के कद्दावर मंत्री व नेता फिरहाद हकीम और वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने कहा था कि पार्थ को लेकर हम लोग लज्जित हैं। जिस पार्थ को हमलोग जानते थे वे यह नहीं हैं। अब उसी दल के एक और नेता ने उन्हें कैंसर बता दिया। एक दिन पहले गुरुवार को कोलकाता में पीएमएलए कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की जेल हिरासत 31 अगस्त तक बढ़ा दी है।
कोर्ट ने पांच अगस्त को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को भर्ती घोटाले के सिलसिले में 18 अगस्त तक जेल हिरासत में भेज दिया था। अर्पिता मुखर्जी के वकील ने उनकी जमानत की गुहार नहीं लगाई क्योंकि उनका मानना था कि उनकी जान को खतरा है। उसने अदालत से आग्रह किया कि उसे चार से अधिक कैदियों के साथ नहीं रखा जाना चाहिए। पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा था कि उनका अपराध से कोई लेना-देना नहीं है।