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विधायक मां के खिलाफ चुनाव लड़ने पर अड़ा 'बस्तर टाइगर' कर्मा का बेटा

कांग्रेस भवन में बैठक में भी मान-मनौवल चलता रहा, लेकिन छविंद्र नहीं माने। इस पर भूपेश ने कहा- बस्तर टागइर का बेटा इतना तेवर तो दिखाएगा ही।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 10:41 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 07:52 AM (IST)
विधायक मां के खिलाफ चुनाव लड़ने पर अड़ा 'बस्तर टाइगर' कर्मा का बेटा

दंतेवाड़ा, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेता स्व. महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा ने बगावती तेवर दिखाते हुए नामांकन फार्म लेकर अपनी मां व विधायक देवती कर्मा के खिलाफ दंतेवाड़ा से चुनाव लड़ने का एलान कर कांग्रेस को सकते में डाल दिया है। उन्हें मनाने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल खुद दंतेवाड़ा पहुंचे। उनके घर पहुंचते ही छविंद्र वहां से खिसक लिए। बाद में कांग्रेस भवन में बैठक में भी मान-मनौवल चलता रहा, लेकिन छविंद्र नहीं माने। इस पर भूपेश ने कहा- बस्तर टागइर का बेटा है, इतना तेवर तो दिखाएगा ही।

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महेंद्र कर्मा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और 2004 से 2008 तक वो नेता विपक्ष थे। कर्मा की इस भूमिका से नक्सलियों को कोई ऐतराज नहीं था, लेकिन नक्सलियों के खिलाफ उनका अभियान हमेशा खटकता रहता था। असल में 2005 में महेंद्र कर्मा ने सलवा जुडूम की स्थापना की। इसके बाद वे नक्सलियों के सीधे निशाने पर थे। 25 मई 2013 को बस्तर के दरभा घाटी में कांग्रेस की रैली पर 100 से ज्यादा नक्सलियों के हमले में वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा समेत 27 लोगों की हत्या कर दी गई। इस हमले में नक्सलियों का सबसे बड़ा निशाना महेंद्र कर्मा थे। नक्सलियों ने सबसे पहले काफिला रोका और महेंद्र कर्मा को कार से बाहर निकाला। उन्हें थोड़ी दूर पर ले गये और गोलियों से भून डाला था।

अब कर्मा की विरासत को लेकर छिड़ी जंग

उसके बाद उनकी पत्नी देवती कर्मा दो बार से विधायक चुनी जाती रही हैं। अब उनके पुत्र ने खुद चुनाव लड़ने की इच्छा जताकर मां को पशोपेश में डाल दिया है तो कांग्रेस खेमा सकते में है। पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि पार्टी को किसे टिकट देना है और किसे नहीं, यह हाईकमान तय करेगा। हम छविंद्र को मना लेंगे। चाचा की बात वह जरूर मानेगा। सूत्रों के मुताबिक करीब सवा घंटे तक भूपेश ने कांग्रेसियों से समूह में और अलग-अलग चर्चा की। छविंद्र को मनाने में सभी जुटे रहे। सांसद और जिला पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कहा गया, जिसे उन्होंने नकार दिया है।

टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लडूंगा

छविंद्र ने स्पष्ट कहा है कि उन्होंने नामांकन आवेदन चुनाव लड़ने के मकसद से ही लिया है। यदि कांग्रेस अपना प्रत्याशी घोषित करती है तो ठीक अन्यथा निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरेंगे।


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