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पीएफआई पर केंद्र सरकार का एक्शन, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले- BYE BYE PFI

केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। गिरिराज सिंह ने कहा BYE BYE PFI

By JagranEdited By: Manish NegiPublished: Wed, 28 Sep 2022 08:47 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 08:47 AM (IST)
पीएफआई पर केंद्र सरकार का एक्शन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। आतंकी फंडिंग के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर तगड़ी चोट लगी है। केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसे गैरकानूनी संस्था करार दिया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, पीएफआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया है।

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सरकार ने पीएफआई के अलावा इसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन पर भी प्रतिबंध लगाया है।

पीएफआई ने हिंसा फैलाई- अरुण सिंह

पीएफआई और अन्य संगठनों पर प्रतिबंध के बाद कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पीएफआई ने कई राज्यों में आतंकी घटनाओं के जरिए देश में हिंसा फैलाई है। इसीलिए हम फैसले का स्वागत करते हैं।

कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएफआई और इसके सहयोगियों के खिलाफ उपयुक्त कदम उठाया है। ये संस्थाएं भारत में आतंकी गतिविधियों का बढ़ावा दे रही थी

बाय बाय PFI- गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है। गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'Bye Bye PFI'

सीएम सरमा ने भी किया स्वागत

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने भी पीआफआई पर बैन के फैसले का स्वागत किया है। सरमा ने कहा कि सरकार का दृढ़ संकल्प है कि भारत के खिलाफ किसी भी शैतानी, विभाजनकारी या विघटनकारी योजना के साथ मजबूती से निपटा जाए। मोदी युग में भारत निर्णायक और साहसिक है।

पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी

गौरतलब है कि मंगलवार को भी केंद्रीय एजेंसियों ने स्थानीय पुलिस और आतंकरोधी दस्ते (एटीएस) के साथ मिलकर पीएफआई के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम व मध्य प्रदेश से पीएफआई के 170 से अधिक सदस्यों को हिरासत में लिया गया। सबसे अधिक 75 लोगों को कर्नाटक से हिरासत में लिया गया है। इनमें से कई को गिरफ्तार भी किया गया है।

असम और महाराष्ट्र में पीएफआई के 25-25, सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। मध्य प्रदेश में आठ जिलों में छापे मारे गए और 21 लोगों को हिरासत में लिया गया। गुजरात में 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

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