J&K के दौरे से लौटे आजाद ने कहा- कश्मीर में चौतरफा भय का माहौल और हर तरफ पाबंदी है
आजाद ने कहा कि ब्लॉक चुनाव कराने का सरकार का एलान धोखा होगा क्योंकि सभी प्रमुख दलों के कार्यकर्ता जेल में हैं या नजरबंद हैं। इस हालत में चुनाव कराने का औचित्य नहीं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक होने के सरकार के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि पूरी घाटी में भय का वातावरण है। साथ ही कश्मीर घाटी में हर तरफ पाबंदी है और लगभग सब कुछ ठप है। आजाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर घाटी में मानव निर्मित आपदा जैसी स्थिति पैदा कर दी है।
जम्मू-कश्मीर के दौरे से लौटे आजाद
सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद जम्मू-कश्मीर का छह दिन का दौरा कर लौटने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में गुलाम नबी आजाद ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति का केंद्र सरकार दावा कर रही है तो इंटरनेट और मोबाइल फोन पर से पाबंदी तुरंत हटा ले। साथ ही गिरफ्तार किए गए सभी राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए।
अनुच्छेद 370 हटाने से न जम्मू खुश है और न कश्मीर
राज्यसभा में नेता विपक्ष आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र के फैसले से न जम्मू खुश है और न कश्मीर और वे अपने दौरे में लोगों से हुई चर्चा के आधार पर यह बात कह रहे हैं। पूरे सूबे में कारोबार और व्यवसाय ठप है। कश्मीर में स्कूल तो खुला रखा गया है मगर बच्चे जा नहीं रहे। कालेज और विश्वविद्यालय बंद हैं और इन्हें तुरंत खोला जाना चाहिए।
आजाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वे अपने राज्य के दौरे पर लोगों से मिलने गए थे मगर आवाम उनसे रूबरू न हो सके इसके लिए सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उनसे मिलने आने वाले लोगों को प्रशासन की ओर से डराया-धमकाया गया और जो आए उन सब की वीडियो रिकार्डिग की गई।
कारोबार ठप
आजाद ने यह भी कहा कि प्रशासन ने उन्हें कई जगहों पर जाने से रोका। उन्होंने कहा कि कारोबार ठप होने की वजह से शिकार वालों की कर्ज वसूली रोकनी चाहिए। गरीब दिहाड़ी मजदूरों के लिए खाना मुफ्त में दिया जाना जरूरी है क्योंकि सब कुछ ठप होने के कारण उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा।
चुनाव कराने का औचित्य नहीं
आजाद ने कहा कि ब्लॉक चुनाव कराने का सरकार का एलान धोखा होगा क्योंकि सभी प्रमुख दलों के कार्यकर्ता जेल में हैं या घर में नजरबंद हैं। इस हालत में चुनाव कराने का औचित्य नहीं।