चुनाव खत्म, फिल्म पद्मावती का अब हो सकेगा दीदार
अगले कुछ महीनों में कोई बड़े चुनाव भी नहीं है। ऐसे में फिल्म पद्मावती की रिलीज होने की संभावनाएं बढ़ गयी हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन: गुजरात और हिमाचल चुनावों के बीच ऐतिहासिक घटना पर बनी फिल्म पद्मावती विवादों में घिर गयी। देशभर के राजपूत समुदाय ने फिल्म का जबरदस्त विरोध किया। चुनावी माहौल होने की वजह से राजनीतिक दल भी खुलकर फिल्म की रिलीज के पक्ष में नहीं आ सके। वहीं कुछ राजनीतिक दलों ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दिया। लेकिन अब जब हिमाचल और मध्य प्रदेश के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अगले कुछ महीनों में कोई बड़े चुनाव भी नहीं है। ऐसे में फिल्म पद्मावती की रिलीज होने की संभावनाएं बढ़ गयी हैं।
चित्तौड़ की रानी पद्मिनी का सभी रानियों के साथ जौहर करने की लोककथा राजस्थान के इलाके में काफी प्रचलित रही। फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने इसी पृष्ठभूमि पर फिल्म बनायी। लेकिन राजपूती करणी सेना के मुताबिक फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच दृश्यों को फिल्माया गया है, जिसे पूरी तरह से इतिहास के साथ छेड़छाड़ माना गया। विवाद बढ़ने पर संजय लीला भंसाली ने मीडिया जगत के लोगों को फिल्म को दिखाकर दावा किया कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच एक भी सीन नहीं फिल्माया गया है। हालांकि इसके बाद भी फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ नहीं हो सका।
राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार जैसे राज्यों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गयी। एक वक्त ऐसा भी आया, जब फिल्म की रिलीज को लेकर चलने वाली कवायद सुर्खियों से परे हो गयी। लेकिन अब चुनावी माहौल खत्म होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि फिल्म के रिलीज को लेकर सकरात्मक कदम उठाए जाएंगे।