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पीयूष गोयल बोले- विफलताएं छिपाने को कोयले की कमी का आरोप लगा रहे केजरीवाल

केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि रेक उपलब्धता बटन दबाकर नहीं की जा सकती।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 11:10 PM (IST)
पीयूष गोयल बोले- विफलताएं छिपाने को कोयले की कमी का आरोप लगा रहे केजरीवाल
पीयूष गोयल बोले- विफलताएं छिपाने को कोयले की कमी का आरोप लगा रहे केजरीवाल

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेल व कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने राजधानी में कोयले की कमी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि केजरीवाल अपनी विफलताओं से ध्यान बंटाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं।

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केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख उनसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बिजली संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को रेक उपलब्ध कराने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया था। उन्होंने लिखा था कि रेक की कमी के कारण एनसीआर के बिजली संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है।

केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा, 'रेक उपलब्धता बटन दबाकर नहीं की जा सकती। कोयले की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पहले से योजना बनानी होती है और कोयले की संभावित मांग के ब्यौरे के साथ रेलवे को भुगतान करना होता है। उन्होंने यह नहीं किया। अब वे अपनी विफलताओं को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले चार वर्षों में उन्होंने न तो मुझसे कोई मुलाकात की और न ही कोई पत्र लिखा। कोयला मंत्री और रेल मंत्री बनने से पहले जब मैं बिजली मंत्री था, तब भी वे कभी नहीं मिले।'

पिछले वर्ष तक दिल्ली की बिजली की आवश्यकता बहुत कम थी। इस साल अचानक बिजली की मांग बढ़ गई है, इसलिए वे कोयले की मांग कर रहे हैं। जबकि हकीकत ये है कि हमने दादरी संयंत्र के लिए कोयले की रेक बढ़ाकर दो गुनी कर दी है। ये कोई साधारण उपलब्धि नहीं है।

गोयल ने कहा कि पिछले वर्ष दादरी में कोयले की मांग कम थी और पूरे साल रोजाना केवल तीन रेक मांगी जाती रहीं। लेकिन इस वर्ष 23 मई से 28 मई के बीच रेक की दैनिक मांग बढ़कर सात रेक तक हो गई। इस दौरान संयंत्र को कोयले की कुल 39 रेक भेजी गई। इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री की कोयले की अपर्याप्त आपूर्ति का दावा असत्य और आधारहीन है। भारतीय रेल दादरी, बदरपुर और झज्जर ही नहीं, देश के सभी बिजली संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि एक रेक में 58 वैगन के हिसाब से तकरीबन 3,750 टन कोयले की ढुलाई होती है।


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