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पशुपालन मंत्री ने कहा- अब देसी नस्ल की गायों को केंद्र सरकार देगी संरक्षण

केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पशुपालन खेती से ज्यादा लाभकारी है। गायों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 08:07 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 08:07 PM (IST)
पशुपालन मंत्री ने कहा- अब देसी नस्ल की गायों को केंद्र सरकार देगी संरक्षण
पशुपालन मंत्री ने कहा- अब देसी नस्ल की गायों को केंद्र सरकार देगी संरक्षण

नई दिल्ली, प्रेट्र। गोकुल मिशन के तहत देसी नस्ल की गाय के संरक्षण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। अगले पांच वर्षो में स्थानीय नस्लें भी विदेशी जैसी होंगी। केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने यह जानकारी दी है।

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प्रश्नकाल के दौरान रवींद्र श्याम शुक्ल (रवि किशन) के सवालों का जवाब देते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि गायों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पशुपालन खेती से ज्यादा लाभकारी है।

उन्होंने कहा कि वंश जांच कार्यक्रम और देसी नस्ल के उच्च जेनेटिक मेरिट सांड की उत्पत्ति के लिए नस्ल चयन कार्यक्रम, भ्रूण हस्तांतरण तकनीक और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन लैब शुरू किए जा रहे हैं। बछड़े की जगह बछिया के जन्म के लिए भी सुविधा विकसित की जा रही है।

सरकार ने फसल बीमा पर राज्यों से राय मांगी

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर इस बात पर राय मांगी है कि क्या किसानों के लिए फसल बीमा को स्वैच्छिक/वैकल्पिक बनाया जा सकता है। वर्तमान में यह योजना प्रकृति में अनिवार्य है।

कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि कुछ राज्य सरकारों और किसान संघों ने कृषि मंत्रालय से योजना को स्वैच्छिक बनाने की मांग की थी। लिखित उत्तर में सरकार ने कहा है कि इस योजना को उन किसानों के लिए अनिवार्य किया गया है जिन्होंने कर्ज लिया है और जिन्होंने कर्ज नहीं लिया है उनके लिए स्वैच्छिक है।

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