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चुनाव आयोग ने आंध्र प्रदेश के मंत्री को 21 फरवरी तक घर में नजरबंद करने का दिया आदेश, जानें वजह

आंध्र प्रदेश चुनाव आयोग ने पुलिस महानिदेशक को राज्य के पी. रामचंद्र रेड्डी को 21 फरवरी तक उनके घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया है। राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि ग्राम पंचायतों के चुनाव पूरा होने तक मंत्री अपने आवासीय परिसर से बाहर नहीं जा सकेंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 08:00 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 12:08 AM (IST)
चुनाव आयोग ने आंध्र प्रदेश के मंत्री को 21 फरवरी तक घर में नजरबंद करने का दिया आदेश, जानें वजह
आंध्र प्रदेश चुनाव आयोग ने पी. रामचंद्र रेड्डी को 21 फरवरी तक घर में 'नजरबंद' रखने का आदेश दिया है।

अमरावती, पीटीआइ। एक विरले घटनाक्रम में आंध्र प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने पुलिस महानिदेशक को राज्य के मंत्री पी. रामचंद्र रेड्डी को 21 फरवरी तक उनके घर में 'नजरबंद' रखने का आदेश दिया है। मतलब, मंत्री अपने आवासीय परिसर से बाहर नहीं जा सकेंगे। यह कार्रवाई मंत्री द्वारा आयोग के खिलाफ कथित टिप्पणी करने के मामले में की गई है। राज्य में नौ से 21 फरवरी तक चार चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं। 

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पंचायत चुनाव तक रहेंगे नजरबंद

राज्य चुनाव आयुक्त रमेश कुमार ने अपने आदेश में कहा है कि आयोग विभिन्न वैकल्पिक उपायों पर विचार करने के बाद संविधान के अनुच्छेद 243(के) के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित करता है कि पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री को ग्राम पंचायतों के चुनाव पूरा होने तक (21 फरवरी) उनके आवासीय परिसर में ही निरुद्ध रखें।

डॉक्‍टर के पास जाने की छूट 

हालांकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि घर से बाहर जाने पर रोक का यह आदेश चिकित्सीय जरूरतों या ऐसी स्थितियों में लागू नहीं होगा, जिसके लिए घर से निकलना अपरिहार्य हो। लेकिन उस दौरान वे मीडिया या अपने समर्थकों से बात नहीं कर सकेंगे। साथ ही मंत्री होने के नाते अपने वैध दायित्वों का निर्वाह कर सकेंगे।

अधिकारियों को धमकाने का आरोप

आदेश में कहा गया है कि ये बंदिशें ऐहतियाती उपाय के तौर पर लगाई गई हैं ताकि मतदाता किसी खतरे या धमकी से अप्रभावित रहते हुए अपना वोट स्वतंत्र रूप से डाल सकें। आयोग के मुताबिक, मंत्री ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कलेक्टरों व निर्वाचन अधिकारियों को धमकाते हुए कहा था कि वे 'सनकी चुनाव आयुक्त' के निर्देशों का पालन नहीं करें।

अधिकारियों को कर दिया जाएगा ब्लैकलिस्ट

आयोग के मुताबिक मंत्री ने यह भी कहा था कि यदि अधिकारियों ने वैसा (जबरन निर्विरोध चुनाव होने से रोका) किया तो चुनाव पूरा होने के बाद उन अधिकारियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। रेड्डी ने कथित तौर पर यह भी कहा था राज्य चुनाव आयुक्त रमेश कुमार की अपनी राजनीतिक मंशा है और वे भविष्य में सांसद या विधान पार्षद बनने की लालसा में विपक्षी दल तेलुगु देसम का पक्ष ले रहे हैं।

फिर दी धमकी

आयोग के आदेश पर रेड्डी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि उन्होंने टीवी चैनलों पर खबर देखी है और यदि पुलिस महानिदेशक को आयोग का आदेश लागू कराना है तो वह वैसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं इसका विरोध नहीं कर रहा हूं, सिर्फ यह कह रहा हूं कि राज्य चुनाव आयोग ने इस प्रकार का प्रतिबंधात्मक आदेश तेलुगु देसम पार्टी के सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू की मिलीभगत से दिया है, जो यह दर्शाता है कि आयोग पागल हो गया है। लोग उन्हें इसके लिए निश्चित ही सबक सिखाएंगे।'


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