आंध्र प्रदेश नगर निगम चुनाव में YSR कांग्रेस की शानदार जीत, तेलुगु देशम पार्टी-कांग्रेस का सफाया
Andhra Pradesh Municipal Elections आंध्र प्रदेश में सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस ने शहरी निकाय चुनाव में शानदार जीत हासिल की है। 75 निकायों में से 73 सीटों पर मिली जीत। मुख्य विपक्षी तेदेपा को करारी शिकस्त कांग्रेस तो चुनावों में कहीं नजर भी नहीं आ रही।
अमरावती, प्रेट्र। Andhra Pradesh Municipal Elections Result, आंध्र प्रदेश में सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के रविवार को घोषित परिणाम में शानदार जीत दर्ज की है। वाईएसआर कांग्रेस ने मुख्य विपक्षी तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) को 75 नगरपालिकाओं और 11 नगर निगमों में करारी शिकस्त दी है। पार्टी को मिली इस जीत को 'जगन वॉश' कहा जा रहा है। तेदेपा सिर्फ पांच नगर निकायों में दोहरे अंक में सीटें हासिल कर सकती है, जबकि विपक्षी भाजपा और जेएसपी को मामूली फायदा हुआ है। कांग्रेस इसमें कहीं भी नजर नहीं आ रही है।
जगन ने ट्वीट कर इस जीत को लोगों की जीत कहा है। उन्होंने कहा है कि इससे उनपर बेहतर काम करने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। यह बहनों, भाइयों, दादा-दादी और मित्रों का आशीर्वाद है।तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने एक ट्वीट में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनाव नतीजों से हताश होने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने दावा किया कि धमकियों, सत्ता के दुरुपयोग और प्रलोभन के बावजूद हमने अच्छा मुकाबला किया।
यह चुनाव वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के शासन की पहली परीक्षा माना जा रहा था। शहरी स्थानीय निकाय के चुनाव ऐसे वक्त में हुए हैं जब विपक्ष संयुक्त रूप से सरकार पर हमलावर रहा और वाईएसआर कांग्रेस पर नगर निकायों पर कब्जा जमाने के लिए ज्यादती करने, सरकारी तंत्र, खासकर पुलिस के, दुरुपयोग का आरोप लगा लगा।
वाईएसआर कांग्रेस ने इस अप्रत्याशित जीत को मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी में लोगों का पिछले 22 महीनों में बढ़े विश्वास का नतीजा बताया। वाईएसआर कांग्रेस के अनुसार मुख्यमंत्री अपने वादे पूरे करते हुए 22 महीनों में जो जल कल्याण की योजना चलाईं, उस पर जनता ने मुहर लगा दी है।
नगरपालिका चुनावों में वाईएसआर की जीत लगभग दो साल पहले हुए विधानसभा चुनावों और पिछले महीने हुए पंचायत चुनावों में प्रदर्शन से भी बेहतर है। पार्टी ने 2019 के चुनावों में विधानसभा की लगभग 85 प्रतिशत सीटें जीतीं और 83 प्रतिशत पंचायतों में जीत हासिल की।