आंध्र प्रदेश में हाई कोर्ट ने मंत्री रामचंद्र रेड्डी की 'नजरबंदी' हटाई, राज्य चुनाव आयोग ने जारी किया था आदेश
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने सूबे के मंत्री पी. रामचंद्र रेड्डी को उनके घर में नजरबंद करने के राज्य चुनाव आयोग के आदेश को हटा दिया है। आयोग ने कथित प्रतिकूल टिप्पणियों पर पी. रामचंद्र रेड्डी को उनके घर में नजरबंद रखने के निर्देश दिए थे।
अमरावती, पीटीआइ। आंध्र प्रदेश के मंत्री पी. रामचंद्र रेड्डी को उनके घर में 'नजरबंद' करने के राज्य चुनाव आयोग के आदेश को हाई कोर्ट ने रविवार हटा दिया। आयोग ने यह कार्रवाई मंत्री द्वारा उसके खिलाफ की गई कथित टिप्पणियों के आधार पर की थी। राज्य चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ रेड्डी की अर्जी पर जस्टिस डीवीएसएस सोमायाजुलु ने सुनवाई की। हालांकि कोर्ट ने मंत्री को मीडिया से बात नहीं करने को निर्देशित किया है। राज्य में 9 से 21 फरवरी तक चार चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं।
राज्य चुनाव आयुक्त रमेश कुमार ने शनिवार को जारी एक आदेश में कहा था कि आयोग विभिन्न उपचारात्मक उपायों पर विचार करने के बाद संविधान के अनुच्छेद 243(के) के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देशित करता है कि पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री को उनके आवासीय परिसर में चुनाव संपन्न होने तक 'निरुद्ध' करें।
आयोग ने मंत्री पर मीडिया से भी बात करने पर पाबंदी लगाई थी। रेड्डी के वकील ने कोर्ट को बताया कि आयोग ने उनके मुवक्किल को निरुद्ध किए जाने का आदेश जारी करने पहले उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया।
आयोग के आदेश के मुताबिक, मंत्री ने पिछले सप्ताह एक प्रेस कांफ्रेंस में कलेक्टरों और निर्वाचन अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था वे 'सनकी चुनाव आयुक्त' का आदेश नहीं मानें और जो भी उनके आदेश (जबरन सर्वसम्मत चुनाव को रोकने का) को मानेंगे, उन्हें चुनाव संपन्न होने के बाद ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। रेड्डी ने कथित तौर पर यह भी कहा था कि राज्य चुनाव आयुक्त रमेश कुमार का अपना राजनीतिक मंसूबा है और वह भविष्य में सांसद या विधान पार्षद बनने के लिए विपक्षी तेलुगु देसम पार्टी का पक्ष ले रहे हैं।