चंद्रबाबू नायडू बोले, वीवीपैट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं, जिम्मेदारी चुनाव आयोग की
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि वह वीवीपैट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।
मछलीपटनम, एजेंसी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को कहा कि वह वीवीपैट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना है कि पूरे देश में वीवीपैट मशीनों की ट्रेल पर्चियों में कोई विसंगतियां नहीं हो। हालांकि, उन्होंने इस फैसले को 'कुछ नहीं होने' से बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने पांच बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करने की बात कही है, फिर भी इससे भाजपा के मंसूबों पर चोट पहुंचेगी।
दरअसल, विपक्षी दलों ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में नतीजे जारी करने से पहले 50 फीसदी ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को अपना फैसला दिया था। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने विपक्षी पार्टियों की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग पर सहमति तो नहीं दी थी। लेकिन अपने फैसले में निर्वाचन आयोग को ईवीएम और वीवीपैट के मिलान का दायरा बढ़ाने के लिए कहा था। शीर्ष अदालत ने आयोग को निर्देश दिया था कि लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वालीं सभी विधानसभाओं के पांच बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट का मिलान कराया जाए।
चंद्रबाबू नायडू ने मध्य प्रदेश में आयकर विभाग की छापेमारी पर चिंता जताते हुए कहा कि वास्तव में मौजूदा लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा काफी भयभीत है। इन छापेमारियों से भाजपा की हताशा जाहिर होती है। नायडू ने कहा कि ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की जा सकती है। मैं शुरुआत से ही ईवीएम को लेकर सवाल उठाता रहा हूं। मुझे तकनीक की समझ है, यही कारण है कि मैं ईवीएम के कमजोर पक्ष को लेकर लड़ाई लड़ता रहा हूं। इलेक्ट्रानिक तकनीक से चुनाव में साइबर सुरक्षा एक बड़ी समस्या है। गौरतलब है कि Lok Sabha election-2019 में पहली बार वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है। इसके लिए राजनीतिक दल मांग भी करते रहे हैं।