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मोहन भागवत से मुलाकात करने अमित शाह पहुंचे नागपुर, भविष्य की रणनीतियों पर होगी चर्चा

उम्मीद जताई जा रही है कि संघ प्रमुख से मुलाकात में अमित शाह पार्टी संगठन में कुछ बदलावों को लेकर विचार-विमर्श कर सकते हैं।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sun, 04 Mar 2018 08:45 AM (IST)Updated: Sun, 04 Mar 2018 12:45 PM (IST)
मोहन भागवत से मुलाकात करने अमित शाह पहुंचे नागपुर, भविष्य की रणनीतियों पर होगी चर्चा
मोहन भागवत से मुलाकात करने अमित शाह पहुंचे नागपुर, भविष्य की रणनीतियों पर होगी चर्चा

नई दिल्ली (एएनअाई)। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के नतीजे शनिवार को घोषित हुए। इनमें भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद से ही इन राज्यों में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जश्न का माहौल है। इसी बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात कर पूर्वोत्तर में पार्टी के प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि दोनों नेता भाजपा की भविष्य की रणनीतियों पर भी चर्चा करेंगे।

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भाजपा को इस मुकाम तक पहुंचाने में अमित शाह की अहम भूमिका रही है। ऐसे में संघ प्रमुख से शाह की मुलाकात अहम मानी जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस मुलाकात में अमित शाह पार्टी संगठन में कुछ बदलावों को लेकर विचार-विमर्श कर सकते हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि अमित शाह नागपुर हवाई अड्डा पहुंच चुके हैं। यहां से वे संघ मुख्यालय जायेंगे जहां वे संघ प्रमुख मोहम भागवत से मुलाकात करेंगे।

त्रिपुरा ने सबको अचंभित करते हुए अपनी बागडोर भाजपा के हाथ में सौंप दी है। साठ विधानसभा वाले त्रिपुरा में भाजपा को तीन चौथाई सीटें मिली। नगालैंड में यूं तो पहले भी राजग की सरकार थी लेकिन इस बार भाजपा ने वहां अपनी व्यक्तिगत स्थिति मजबूत कर ली। दस साल से मेघालय में काबिज कांग्रेस अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। इस लिहाज से पूर्वोत्तर के सात राज्यों में से अब पांच में भाजपा या राजग की सरकार होगी।

अब तक भाजपा को हिंदी बेल्ट की पार्टी माना जाता था, लेकिन वो ठप्पा भी अब हट गया। देश में पहली बार भाजपा ने किसी राज्य में सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार को न सिर्फ चुनौती दी है बल्कि उसे करारी शिकस्त देकर सत्ता से बाहर भी कर दिया है। महज दो साल की मेहनत के साथ भाजपा ने वह कर दिखाया जो कांग्रेस 2 दशकों से अधिक समय से करने की कोशिश में थी। 

पूर्वोत्तर की जीत से उत्साहित भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा 'अभी भाजपा का स्वर्णिम काल नहीं आया है। कर्नाटक, बंगाल, केरल और ओडिशा जीतना बाकी है।' शाह की यह टिप्पणी काफी अहम है। त्रिपुरा की जीत अपने आप में ऐतिहासिक है। लेफ्ट को आज के दौर में कोई पसंद नहीं करता है। पहले पश्चिम बंगाल अब त्रिपुरा में उसकी हार इसका सूबूत है। भाजपा देश के हर हिस्से में उपस्थिति दर्ज करा चुकी है।

त्रिपुरा में कुल 59 सीट हैं जिसमें से करीब एक तिहाई सीट से ज्यादा (40) पर जीत दर्ज की। वहीं नागालैंड में भाजपा और एनपीएफ को 29-29 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस नागालैंड में खाता खोलने में भी नकामयाब रही। मेघालय में कांग्रेस को 21, भाजपा को 2 और एनपीपी को 19 सीटें मिली हैं।


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