Amit Shah पर खुद के विभाग के अलावा रहेगी सामंजस्य की भी जिम्मेदारी
वैसे उनके सरकार में शामिल होने के साथ ही भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं और सबसे आगे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को माना जा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संगठन में अपनी कुशलता का जौहर दिखाने वाले अमित शाह के मोदी सरकार में आने के खास मायने है। एक तरफ जहां यह माना जा रहा है कि अहम पड़ाव पर वह वित्त जैसे संवेदनशील मंत्रालय की कमान थामेंगे। वहीं यह भी मानकर चला जा रहा है कि सरकार में वह सामंजस्य का भी जिम्मा देखेंगे। वैसे उनके सरकार में शामिल होने के साथ ही भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं और सबसे आगे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को माना जा रहा है।
यूं तो गुजरात में वह गृहमंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं लेकिन गुरुवार को उन्होंने जिस तरह राजनाथ सिंह के बाद तीसरे नंबर पर शपथ लिया उसका यह मायने निकाला गया कि यहां वह गृहमंत्रालय की बजाय वित्तमंत्री पद संभालेंगे। वैसे भी वित्त को लेकर उनकी समझ जांची परखी है।
फिलहाल देश को वित्त के मोर्चे पर कई साहसिक कदम उठाने हैं और शाह साहसिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं। संगठन में रहते हुए भी उन्होंने कठोर और साहसिक फैसलों की शुरुआत की थी। माना जा रहा है कि मोदी सरकार में वह सामंजस्य की भी जिम्मेदारी संभालेंगे। यानी उन पर जिम्मेदारी होगी कि वह दूसरे मंत्रालयों के कामकाज पर भी नजर रखें और जरूरी सहयोग करें या निर्देश दें। दरअसल वित्तमंत्रालय वैसे भी सभी मंत्रालयों से जुड़ा होता है।
अब जबकि शाह सरकार में शामिल हो चुके हैं तो भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर अटकलें तेज हो गई है। पहले नाम के तौर पर जेपी नड्डा का नाम है जो मोदी और शाह दोनों के विश्वस्त भी माने जाते हैं और संघ के भी नजदीक हैं।
मंत्री रहते हुए भी उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दी जाती रही है। वह भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव भी हैं। ऐसे में जब मंत्रिपरिषद को शपथ दिलाते हुए उन्हें बाहर रखा गया है तो नए अध्यक्ष के रूप में उनकी दावेदारी सबसे प्रबल मानी जा रही है।
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