राज्यसभा में कश्मीर और NRC मुद्दे पर गरजे शाह, कहा- Article 370 हटने के बाद नहीं गई एक भी जान
Amit Shah Rajya Sabha Speech केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कश्मीर और वहां के हालात को लेकर विस्तृत जानकारी दी और विरोधियों से भी सवाल पूछे।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा को संबोधित किया। इस दौरान राज्यसभा में अपने संबोधन में अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हैं और वहां अस्पताल, स्कूल से लेकर सभी सेवाएं बेहद सामान्य तरीके से चल रही हैं। कश्मीर को लेकर देश-दुनिया में फैलाई जा रही अफवाह पर भी शाह ने सबको आड़े हाथ लिया। इसके साथ ही उन्होंने एनआरसी मसले पर भी अपनी राय रखी।
कश्मीर में हालात सामान्य
राज्यसभा में अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात अब बेहद सामान्य हैं। वहां स्थितियां बेहद सामान्य हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में इसको लेकर तरह-तरह की अफवाहें हैं, लेकिन कश्मीर में 5 अगस्त से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से एक भी जान नहीं गई है। इसके साथ ही वहां पत्थरबाजी की घटनाओं में भी कमी आई है। वहां अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा केंद्र खुले हुए हैं। स्कूल-कॉलेज खुले हुए हैं, साथ ही वहां परीक्षाएं भी चल रही हैं।
कश्मीर में सभी सेवाएं चालू
जम्मू कश्मीर पर चर्चा के दौरान उन्होंने राज्यसभा में कहा कि वहां सभी उर्दू/अंग्रेजी अखबार और टीवी चैनल काम कर रहे हैं। बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से चालू हैं। सभी सरकारी कार्यालय और सभी न्यायालय खुले हैं।इस दौरान वहां ब्लॉक विकास परिषद के चुनाव भी हुए, जहां 98.3% मतदान दर्ज किया गया।
गुलाम नबी पर निशाना
कश्मीर मसले पर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं गुलाम नबी आजाद साहब को चुनौती देता हूं कि इन तथ्यों का मुकाबला करें, जो आपने रिकॉर्ड पर इन आंकड़ों पर आपत्ति नहीं जताई? मैं इस मुद्दे पर एक घंटे के लिए भी चर्चा करने को तैयार हूं।
नागरिकता पर शाह के तीखे तेवर
राज्यसभा में नागरिकता कानूनू को लेकर अमित शाह ने कहा कि हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए, इसीलिए नागरिकता संशोधन विधेयक की आवश्यकता है ताकि पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाले इन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिल सके।
पूरे देश में लागू होगा NRC
NRC में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो यह कहता हो कि NRC के तहत कोई अन्य धर्म नहीं लिया जाएगा। भारत के सभी नागरिक चाहे वहकिसी भी धर्म के हों NRC सूची में शामिल होंगे। NRC नागरिकता संशोधन विधेयक से अलग है। उन्होंने कहा कि देश भर में नागरिकों के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर की प्रक्रिया (एनआरसी) की जाएगी। कोई भी हो, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, सभी को एनआरसी के तहत लाना एक प्रक्रिया है।
उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों का नाम एनआरसी सूची में नहीं आया है, उन्हें ट्रिब्यूनल में जाने का अधिकार है। अधिकरण पूरे असम में गठित किए जाएंगे। यदि किसी व्यक्ति के पास ट्रिब्यूनल से संपर्क करने के लिए पैसा नहीं है, तो असम सरकार को वकील रखने की लागत वहन करनी होगी।