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सीएम फडणवीस ने संघ प्रमुख भागवत से मुलाकात की, शिवसेना अब भी अपनी पुरानी मांग पर अड़ी

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के महाराष्ट्र में जल्द भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद संघ प्रमुख से फड़नवीस की मुलाकात हुई है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 07:56 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 10:19 AM (IST)
सीएम फडणवीस ने संघ प्रमुख भागवत से मुलाकात की, शिवसेना अब भी अपनी पुरानी मांग पर अड़ी

राज्य ब्यूरो, मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गढ़ नागपुर में मंगलवार को देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत से गहन मुलाकात की। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के महाराष्ट्र में जल्द भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद संघ प्रमुख से फडणवीस की मुलाकात हुई है। महाराष्ट्र भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को स्पष्ट संकेत दिए कि भाजपा किसी भी मुद्दे पर शिवसेना से चर्चा करने को तैयार है। लेकिन शिवसेना अब भी अपनी पुरानी भूमिका पर अड़ी हुई है।

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शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत का कहना है कि भाजपा ढाई साल के मुख्यमंत्री पद का लिखित आश्वासन दे तो ही बात शुरू होगी। हालांकि आश्चर्यजनक रूप से शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने भागवत को पत्र लिखकर मामले में दखल देने को कहा है। विधानसभा चुनाव के परिणाम आए 12 दिन बीत चुके हैं और इस सरकार का कार्यकाल खत्म होने में अब सिर्फ तीन दिन की अवधि शेष है। इसी बीच मंगलवार शाम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी निवास पर हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक के बाद भाजपा के रुख में नरमी तो दिखाई दी।

एक ओर जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने साफ कहा कि पूरी भाजपा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पीछे मजबूती से खड़ी है। हमें उम्मीद है कि जल्दी ही फड़नवीस के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन जाएगी। इस बैठक के बाद ही प्रेस से बात करते हुए भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं सुधीर मुनगंटीवार एवं गिरीश महाजन ने भाजपा के रुख में नरमी के संकेत दिए। इन दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री पद सहित किसी भी मुद्दे पर शिवसेना से चर्चा के लिए भाजपा के द्वार खुले होने की बात कही। प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने भी कहा कि शिवसेना से बातचीत के लिए हमारे दरवाजे 24 घंटे खुले हैं। हम जितनी जल्दी संभव हो, महागठबंधन की सरकार बनाने को तैयार हैं। लेकिन भाजपा की ओर से दिखाई गई यह नरमी एकतरफा ही नजर आ रही है।

शिवसेना की ओर से पिछले 12 दिनों से मोर्चा संभाले बैठे उसके प्रवक्ता संजय राउत ने साफ कहा कि शिवसेना की भूमिका में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वह ढाई साल के मुख्यमंत्री पद की अपनी मांग पर पहले की तरह कायम हैं। भाजपा इस संबंध में लिखित आश्वासन दे, उसके बाद ही उसके साथ कोई बातचीत शुरू होगी। राउत के अनुसार यह मांग पार्टी विधायकों की बैठक में उठी थी। इसलिए लिखित आश्वासन के बगैर कोई बात नहीं हो सकती। बता दें कि राउत शिवसेना मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक भी हैं। इस समाचार पत्र के संपादकीय में अक्सर भाजपा को निशाने पर लिया जाता रहा है।

मुख्यमंत्री फडणवीस की दिल्ली यात्रा पर भी टिप्पणी करते हुए सामना के संपादकीय में कहा गया है कि अपना कार्यकाल पूरा करने जा रहे मुख्यमंत्री जब भयंकर धुंध से जूझ रही दिल्ली से मुंबई आ गए हैं, तो उन्हें यहां की स्थिति साफ करने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए। महाराष्ट्र की दिशा उनकी ओर से उठाए गए कदमों पर ही निर्भर करेगी। क्योंकि सरकार बनना न सिर्फ देश के लिए, बल्कि महाराष्ट्र की जनता के लिए भी जरूरी है।


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