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जानिए, कौन हैं 'The Accidental Prime Minister' किताब लिखने वाले संजय बारू

The Accidental Prime Minister संजय बारू की इसी नाम की किताब पर बनी फिल्म है। बारू मई 2004 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे और वह इस पद पर अगस्त 2008 तक रहे थे।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 09:43 AM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 01:21 PM (IST)
जानिए, कौन हैं 'The Accidental Prime Minister' किताब लिखने वाले संजय बारू
जानिए, कौन हैं 'The Accidental Prime Minister' किताब लिखने वाले संजय बारू

नई दिल्‍ली, जेएनएन। The Accidental Prime Minister संजय बारू की किताब है और इस किताब पर बनी फिल्‍म पर जमकर राजनीति हो रही है। फिल्‍म पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के राजनीतिक जीवन पर आधारित है। फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' 11 जनवरी को रिलीज होने जा रही है। इसे विजय रत्नाकर गुट्टे ने डायरेक्ट किया है। संजय बारू ने ये किताब पीएमओ की नौकरी छोड़ने के लगभग छह साल बाद 2014 में लिखने की योजना बनाई थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि संजय बारू के पिता भी मनमोहन सिंह के साथ काम कर चुके हैं।

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संजय बारू मई 2004 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार नियुक्त हुए और वह इस पद पर अगस्त 2008 तक रहे थे। उन्‍होंने साल 2008 में कुछ निजी कारणों से पद से इस्‍तीफा दे दिया था। 2014 में उन्‍होंने 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' किताब प्रकाशित कर राजनीति में उथल-पुथल ला दी थी। तक कुछ लोग संजय बारू के इस्‍तीफे को इस किताब से जोड़कर भी देख रहे थे। हालांकि संजय बारू बताते हैं कि उनके इस्‍तीफे और किताब का कोई संबंध नहीं था। संजय बारू इकोनॉमिक टाइम्स और द टाइम्स ऑफ इंडिया के एसोसिएट एडिटर रहे। वह फाइनेंशियल एक्सप्रेस और बिजनेस स्टैंडर्ड के चीफ एडिटर रहे हैं।

संजय बारू के पिता बीपीआर विठल मनमोहन सिंह के साथ काम कर चुके हैं। जब मनमोहन सिंह देश के वित्त सचिव थे, तब बीपीआर विठल उनके फाइनेंस और प्लानिंग सेक्रेटरी थे। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के महासचिव पद से अप्रैल 2018 में संजय बारू ने इस्तीफा दे दिया। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटजिक स्टडीज के जियो इकॉनमिक्स एंड स्ट्रेटजी के डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

'द एक्‍सीडेंटल प्राइम मिनिस्‍टर' में संजय बारू बताते हैं कि उन्‍होंने कभी मनमोहन सिंह का मीडिया सलाहकार रहने के दौरान किताब लिखने की प्‍लानिंग नहीं की थी। उनका मानना था कि यह स्वाभाविक है कि एक नेता या तो प्रशंसा का पात्र हो सकता है या फिर घृणा का, लेकिन उपहास का पात्र नहीं बनना चाहिए। संजय बारू ने लिखा है कि जब उन्‍होंने 2008 में पीएमओ की नौकरी छोड़ी, तब मीडिया मनमोहन सिंह की छवि काफी अच्‍छी थी। उन्हें सिंह इज किंग कहा जाता था। हालांकि चार साल बाद एक न्यूज मैग्जीन ने सिंग इज सिन'किंग' कहा था। यह इस बात का प्रमाण था कि मनमोहन सिंह की छवि तेजी से गिर रही है।

'द एक्‍सीडेंटल प्राइम मिनिस्‍टर' में संजय बारू का किरदार अक्षय खन्‍ना ने निभाया है। फिल्‍म के ट्रेलर लॉन्‍च के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए अक्षय ने कहा कि यह बहुत ही न्याय संगत फिल्म है और इसमें किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं किया गया है।

'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे अनुपम खेर का कहना है कि फिल्‍म का विरोध करने का कोई मतलब नहीं है। उन्‍होंने कहा, 'देखिए, 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' का जितना विरोध होगा, उतनी ही फिल्‍म को पब्लिसिटी मिलेगी। फिल्‍म की कहानी जिस किताब पर आधारित है, वो 2014 में आई थी। तब कोई विरोध क्‍यों नहीं किया गया।'

उन्‍होंने कहा, 'हाल ही में राहुल गांधी जी का ट्वीट पढ़ा था, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उन्‍होंने बोला था। इसलिए मुझे लगता है कि राहुल गांधी को अब फिल्‍म का विरोध कर रहे, लोगों को डांटना चाहिए क्‍योंकि वे गलत कर रहे हैं।'


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