छत्तीसगढ़ में भाजपा के हाथ से जाएंगी राज्यसभा की सभी सीटें, दो सीटों पर मार्च में होगा चुनाव
छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के दो सदस्यों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और भाजपा के रणविजय सिंह जूदेव का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है।pq
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के दो सदस्यों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और भाजपा के रणविजय सिंह जूदेव का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। दोनों सीटों के लिए चुनाव की प्रक्रिया अगले महीने शुरू होगी। विधानसभा में सदस्यों की संख्या के लिहाज से इस बार एक सीट पर भी भाजपा की जीत मुश्किल दिख रही है। प्रदेश में राज्यसभा की कुल पांच सीटें हैं। फिलहाल इनमें से तीन भाजपा और दो कांग्रेस के पास है।
छत्तीसगढ़ में एक-एक कर तीनों सीटें भाजपा से छिन सकती हैं
छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष तक सत्ता में रही भाजपा विधानसभा में बहुमत के आधार पर अब तक राज्यसभा की तीन सीटों पर लगातार कब्जा रखे हुए थी। वहीं, दो सीट लगातार कांग्रेस को जा रही थी। इस बार विधानसभा में पार्टी की सदस्य संख्या इतनी भी नहीं है कि वह एक सीट भी बचा सके। ऐसे में एक-एक कर तीनों सीटें भाजपा से छिन सकती हैं।
राज्यसभा की दो सीट अप्रैल में होंगी खाली
राज्य कोटे की दो राज्यसभा की सीट इस वर्ष अप्रैल में खाली हो रही है। जून 2022 में दो सीट रिक्त होगी। इसमें भाजपा और कांग्रेस के पास एक-एक सीट है। भाजपा के हिस्से वाली पांचवीं सीट अप्रैल 2024 में खाली होगी।
अब तेंदूपत्ता के लिए राज्य की सीमाएं होंगी सील
छत्तीसगढ़ में कृषि और वनोपज उत्पादों की पड़ोसी राज्यों की तुलना में अधिक कीमतों ने सरकार के लिए अलग चुनाती खड़ी कर रही है। पड़ोसी राज्यों से आने वाले इस तरह के उत्पादकों को रोकने के लिए सीमाओं की निगरानी करनी पड़ती है। अभी तक धान की अवैध आवक रोकने के लिए मशक्कत चल रही थी अब तेंदूपत्ता के लिए सीमाएं सील करनी पड़ेगी। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता की दर चार हजार प्रति मानक बोरा है। इसकी तुलना में ओडिशा में 2500, महाराष्ट्र में क्षेत्रवार 1680 से 2550, तेलंगाना में क्षेत्रवार 1750 से 1900 और झारखंड में करीब 1195 रुपये प्रति मानक बोरा है। इसलिए पड़ोसी राज्यों का वनोपज यहां के लोगों के माध्यम से बेचा जाता रहा है।